पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा है कि अफगानिस्तान सरकार और तालिबानके बीच रुकी हुई शांति वार्ता को फिर से बहाल करने का प्रस्ताव काबुल ने स्वीकार कर लिया है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी ने कहा कि अफगानिस्तान में दशकों लंबे संघर्ष का समाधान युद्ध नहीं है। उनकी यह टिप्पणी उनके काबुल दौरे के एक दिन बाद आई है। यहां उन्होंने अफगानिस्तान के नेतृत्व से मुलाकात की थी।
पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी के तालिबान को राजनीतिक पार्टी के रूप में मान्यता देने के प्रस्ताव की प्रशंसा की है। तालिबान ने इस प्रस्ताव पर आधिकारिक तौर पर तो कोई टिप्पणी नहीं की, लेकिन काबुल के साथ वार्ता करने से पहले अमेरिका के साथ बातचीत करने की मांग को दोहराया है। पाकिस्तान ने पहली बार तालिबान और काबुल के बीच सीधी शांति वार्ता साल 2015 में आयोजित कराई थी लेकिन यह वार्ता उस समय रुक गई, जब काबुल ने तालिबान के संस्थापक मुल्ला मोहम्मद उमर की मौत की घोषणा की। 
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