पाकिस्तान को अमेरिका ने एक बार फिर झटका दिया है. भले ही पड़ोसी देश ये साबित करने में लगा है कि उसके वहां आतंकवाद नहीं पनपता पर अमेरिकी थिंक टैंक का मानना है कि यह पाकिस्तान अभी भी तालिबान और हक्कानी नेटवर्क के लिए पनाहगाह है. इसके साथ ही अमेरिकी थिंक टैंक ने यह चेताया है कि पाकिस्तान एक साथी से कहीं ज्यादा एक खतरा है. ऐसे में ट्रंप प्रशासन को इस प्रकार की सलाह तेज हो गई है कि पाकिस्तान को यह साफ कर देना चाहिए कि अगर वे आतंकवाद को समर्थन करते हैं तो प्रतिबंधन झेलने के लिए तैयार रहें.
पाकिस्तान पर कसेगी लगाम?
सेंटर फॉर स्ट्रैटेजी एंड इंटरनेशनल स्टडीज (CSIS) के एक बयान के मुताबिक, जंग और सिविलियन पॉलिटिक्स, प्रशासन और गरीबी के साथ अफगानिस्तान की लड़ाई जारी है. वहीं, पाकिस्तान अभी भी तालिबान और हक्कानी नेटवर्क जैसे आतंकी ग्रुपों के लिए मददगार बन रहा है. इस लिहाज से वह हमारे लिए साथी से कहीं ज्यादा एक खतरा है.
रिपोर्ट में कहा गया, ‘अमेरिका को पाकिस्तान को यह साफ करना चाहिए कि अगर वह तालिबान को समर्थन देना और हक्कानी नेटवर्क को बर्दाश्त करना जारी रखता है तो उसे मिलने वाली मदद पूरी तरह बंद कर दी जाएगी. साथ ही उस पर प्रतिबंध लगाए जाएंगे.’ रिपोर्ट में चीन को लेकर भी राय दी गई है. कहा गया है, ‘अमेरिका को चीन को यह स्पष्ट करना चाहिए कि अफगानिस्तान और पाकिस्तान संबंधी समस्या से निपटने में चीन का सहयोग चीन और अमेरिका दोनों के हित में होगा.’
बता दें कि पिछले दिनों अमेरिका ने पाकिस्तान को आतंकवाद से लड़ने के लिए दी जाने वाली मदद को मुफ्त में मिलने वाली सूची से हटा दिया था. अमेरिका ने कहा था कि पाकिस्तान को अगर और सैन्य उपकरण चाहिए तो उसे खरीदना पड़ेगा, यह सहायता नहीं होगी.
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