पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश इजाज उल अहसन का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। उनके कार्यालय की ओर से जारी बयान में इस बात की जानकारी दी गई है। न्यायमूर्ति मजहर अली नकवी के पद से इस्तीफा देने के एक दिन बाद गुरुवार को अहसन ने अपना इस्तीफा सौंप दिया।
राष्ट्रपति ने इस्तीफे को दी मंजूरी
राष्ट्रपति ने आज संविधान के अनुच्छेद 179 के तहत शक्ति का प्रयोग करते हुए कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवर-उल-हक काकर की सलाह पर उनके इस्तीफे को मंजूरी दे दी। एआरवाई न्यूज की रिपोर्ट के हवाले से समाचार एजेंसी एएनआई ने बताया कि न्यायमूर्ति मजहर अली अकबर नकवी के इस्तीफे के बाद, पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति इजाज उल अहसन ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
सीजेआई बनने के दावेदार थे इजाज उल अहसन
एआरवाई न्यूज द्वारा बताए गए सूत्रों के अनुसार, वह शीर्ष अदालत के तीसरे सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश थे और अक्टूबर 2024 में पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश बनने की कतार में अगले दावेदार थे। इसके अलावा, अहसन के इस्तीफे के बाद, सुप्रीम कोर्ट में अब उपलब्ध 16 न्यायाधीशों में से केवल 14 न्यायाधीश बचे हैं, जबकि स्वीकृत संख्या 17 है।
दोनों न्यायाधीशों को पूर्व सीजेपी उमर अता बंदियाल का करीबी माना जाता था। एआरवाई न्यूज के मुताबिक, इससे पहले जस्टिस इजाज उल अहसन ने जस्टिस मजाहिर अली नकवी के खिलाफ कार्यवाही का विरोध किया था और कल सुप्रीम ज्यूडिशियल काउंसिल की बैठक में शामिल नहीं हुए थे।
पनामा पेपर्स बेंच का हिस्सा थे अहसन
जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, अहसन कुख्यात पनामा पेपर्स बेंच का भी हिस्सा थे, जिसने पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) सुप्रीमो नवाज शरीफ को अयोग्य ठहराया था। उन्हें उन संदर्भों की कार्यवाही की देखरेख के लिए भी नियुक्त किया गया था, जिन्हें राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (NAB) को शीर्ष अदालत ने नवाज, उनके परिवार के सदस्यों और पूर्व वित्त मंत्री इशाक डार के खिलाफ दायर करने के लिए कहा था।