पाकिस्तान में इमरान सरकार की मुसीबतें खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। यहां आसमान छूती महंगाई और दलों का प्रदर्शन सरकार के लिए पहले से ही मुसीबत बना हुआ है। उधर अब सुप्रीम कोर्ट ने सेना प्रमुख का कार्यकाल बढ़ाए जाने को लेकर संसद में कानून पास कराने की मांग की है।
पाकिस्तान सीनेट में इमरान सरकार के पास बहुमत नहीं है। ऐसे में मुश्किल है कि उनके सेना प्रमुख के कार्यकाल को बढ़ाए जाने के प्रस्ताव को बाकी लोग मदद करेंगे।
इस वजह से प्रधानमंत्री इमरान खान के नेतृत्व वाली पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ की मुश्किलें किसी तरह से खत्म होती नहीं दिख रही हैं। महंगाई और स्थानीय कॉलेजों में सरकार से आजादी के लिए लगाए जा रहे नारे से परेशानी बढ़ती जा रही है।
सरकार अभी मौलाना फजलुर रहमान के नेतृत्व में हुए बड़े आंदोलन से उबर भी नहीं पाई है, दूसरी ओर अब छात्रों ने देशव्यापी आंदोलन छेड़ दिया है। उधर एक बात बड़ी बात ये भी है कि अभी मौलाना फजलुर रहमान का आंदोलन भी पूरी तरह से शांत नहीं हुआ है।
उन्होंने भी इमरान खान से इस्तीफा देने की मांग की थी, वो उसी पर कायम है। मालूम हो कि इन दिनों पाकिस्तान में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI)की सरकार राज कर रही है, ये इमरान खान की पार्टी है।