अमेरिका के दौरे पर जाने से पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान आतंकी हाफिज सईद को गिरफ्तार कर भले ही अपनी पीठ थपथपा रहे हैं, लेकिन ट्रंप प्रशासन को इस बात पर थोड़ा सा भी भरोसा नहीं है। अमेरिकी अधिकारियों को पाकिस्तान द्वारा की गई कार्रवाई पर शक है। अधिकारियों का मानना है कि पाकिस्तान की इस कार्रवाई से न तो आतंकी हाफिज सईद पर कोई फर्क पड़ा है और न ही उसके आतंकी संगठन लशकरे-तैयबा पर कोई असर पड़ा।

अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि इस बात में कोई शक नहीं है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियां इन आतंकी संगठनों की मदद करती हैं। हाल ही में पाकिस्तान ने कुछ आतंकी संगठनों की संपत्तियां जब्त की हैं और हाफिज सईद को भी गिरफ्तार किया है। अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान अबतक 7 बार 2008 मुंबई हमले के मास्टरमाइंड आतंकी हाफिज सईद को गिरफ्तार कर चुका है, लेकिन उसे हर बार छोड़ दिया गया। उन्होंने कहा कि अब देखना होगा की इस बार पाकिस्तान हाफिज सईद के खिलाफ क्या ठोस कदम उठाता है।

बुधवार को भारत के मोस्ट वांटेड आतंकियों में से एक आतंकी हाफिज सईद को पाकिस्तान की काउंटर टेररिज्म डिपार्टमेंट(CTD) ने लाहौर से गिरफ्तार किया था। हाफिज सईद आतंकवाद निरोधक अदालत में पेश होने के लिए गुजरांवाला जा रहा था। पाकिस्तान की इस कार्रवाई को दिखावा मात्र माना जा रहा है। पाकिस्तान सरकार के इस कदम को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) के दबाव का नतीजा माना जा रहा है। पाकिस्तान को एफएटीएफ से ब्लैक लिस्ट होने का डर सता रहा है।
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