बेतिया ( पचं), देश और राज्य के विभिन्न हिस्सों से कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रोन की तेजी से फैलाव की सूचना के बाद प्रशासन और सरकार अलर्ट मोड में है। बचाव के लिए निर्देश जारी किया जा चुका है। बावजूद बेतिया बस स्टैंड में सतर्कता का नामोनिशान नहीं है। पश्चिम चंपारण में भी कोरोना पाजिटिव मिला है, बावजूद इस मामले में बस स्टैंड में लापरवाही बरती जा रही है।
राज्य और देश के विभिन्न हिस्सों से बस स्टैंड में यात्री उतर रहे हैं। लेकिन यहां कोविड-19 जांच का कोई प्रबंध नहीं है। यहां तक कि बस स्टैंड से बसों में सफर करने वाले यात्रियों की बात तो दूर ड्राइवर और कंडक्टर भी मास्क का उपयोग नहीं कर रहे हैं। बिना मास्क पहने यात्रियों को रोकने टोकने वाला कोई नहीं है। गुरुवार को बस स्टैंड में टिकट काउंटर पर बैठे किसी कर्मी के चेहरे पर मास्क नहीं दिखी। पूछने पर कुछ कर्मियों ने जेब से मास्क निकाला और कहा कि अभी इसकी जरूरत नहीं है। यात्रियों को भी इससे कोई मतलब नहीं। पटना जाने के लिए बस स्टैंड में आए एक यात्री मोहित कुमार ने कहा कि मास्क पास में रखे हैं। जहां जांच होगी पहन लेंगे। यहां कोई जांच नहीं हो रही है। कोई मास्क भी नहीं लगाया है। बसों को सैनिटाइज कर यात्रियों को बैठाने के नियम का भी यहां धज्जियां उड़ रही है। यात्रियों को बस में चढऩे से पहले हाथ को सैनिटाइज करने की बात पुरानी हो चुकी है।
बस स्टैंड में दूर-दूर से आते हैं यात्री
बस स्टैंड में देश के विभिन्न हिस्सों से यात्री पहुंचते हैं। प्रतिदिन यहां से सैकड़ों यात्री सफर करते हैं। दूसरे प्रदेश से आने वाले यात्रियों की संख्या भी सैकड़ों में है। कोविड-19 की जांच नहीं होने से पता नहीं चलता है कि दूर से आने वाले कोई यात्री पाजिटिव है या नहीं। बस स्टैंड की लापरवाही के कारण जिले में संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ गया है। जिला प्रशासन की ओर से सतर्कता बरतने के निर्देश के बाद भी बस स्टैंड की लापरवाही जीवन पर भारी पड़ सकती है। यहां शारीरिक दूरी के नियम का पालन भी नहीं हो रहा। बसों में सीट क्षमता से अधिक यात्रियों को बैठाना आम बात हो गई है।