केन्द्रीय पर्यटन मंत्रालय भले ही खिचड़ी को राष्ट्रीय व्यंजन बनाने की कवायद में अब जुटा है। हरियाणा पर्यटन दिवस पर विभाग की ओर से बाजरे की खिचड़ी को प्रमुख डिश के रूप में परोसा जाता है। हरियाणा पर्यटन विभाग उसे अपनी थाली में शामिल करने की तैयारी में जुटा है। प्रदेश के सभी पर्यटन केन्द्र पर आने वाले समय में इसे परोसा जाएगा।
हरियाणा पर्यटन विभाग प्रदेश की संस्कृति को बढ़ावा देता है। प्रदेश में पहले से ही बाजरे की खिचड़ी का अलग महत्व है। पर्यटन विभाग की ओर से पहले से उन व्यंजनों को प्रमुखता से परोसा जाता था। जो प्रदेश में अपनी खास पहचान रखते हें। खिचड़ी के राष्ट्रीय व्यंजन बनाने की कवायद के बाद उसे प्रमुखता से पेश किया जाएगा।
खिचड़ी बन गई खास…
स्वाद के साथ सेहत का ध्यान रखते हुए केंद्र सरकार ने प्रदेश की बाजरे की खिचड़ी को और भी खास बना दिया है। खिचड़ी तो हम सभी ने खाई हैं लेकिन 20 मिनट में बनने वाली खिचड़ी अब और भी खास बन गई है। खास बात यह है कि केंद्र सरकार की पहल के बाद उसे मनोहर सरकार हरियाणा बेहद अच्छे तरीके से पेश कराना चाहती है। जिसके बाद पर्यटन विभाग अपने होमवर्क में जुट गया है।
तीन प्रदेशों की है खास डिश
सर्दी में बनाई जाने वाली बाजरे की खिचड़ी तीन राज्यों में सबसे पसंदीदा डिश मानी जाती है। राजस्थान, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में बाजरा आसानी से उपलब्ध हो जाता है। जिससे यहां के लोग सर्दी के मौसम में मूंग, उरद से ज्यादा बाजरे की खिचड़ी को अधिक पसंद करते हैं। राजस्थान, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में खास डिश मानी जाती है।
प्रदेश की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए केन्द्र सरकार की ओर से लिए जाने वाले फैसले के बाद विभाग बाजरे की खिचड़ी को अपनी थाली में शामिल करने की कवायद कर रहा है। अब तक हरियाणा पर्यटन दिवस पर बाजरे की खिचड़ी की डिश को प्रमुखता से पेश किया जाता था।