परमाणु ऊर्जा निगम का सिस्टम हैक करने की हुई कोशिश, कंपनी ने कहा- नहीं पड़ा कोई असर

देश में बिजली पैदा करने वाले परमाणु रिएक्टरों को संचालित करने वाली सरकारी कंपनी भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम लिमिटेड (एनपीसीआइएल) के सिस्टम को पिछले महीने हैक करने की कोशिश की गई थी। उसके एक कंप्यूटर में मालवेयर पाया गया था, लेकिन कंपनी ने कहा कि संयंत्र से जुड़ा उसका सिस्टम पूरी तरह सुरक्षित है और उस मालवेयर का उस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा था। तमिलनाडु स्थित कुडनकुलम भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम लिमिटेड के अफसरों ने मंगलवार को इसके कंट्रोल सिस्टम हैक होने की खबरों का खंडन किया। हालांकि, वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों का कहना है कि एक ऑडिट में इस बात की पुष्टि हुई है कि एक घटना हुई थी। हालांकि, यह पावर प्लांट के मेन ऑपरेशन से जुड़ी हुई नहीं थी।

बता दें कि एक थर्ड पार्टी मल्टीनेशनल आईटी कंपनी को सितंबर में इस साइबर हमले की जानकारी मिली थी। कंपनी ने इसकी सूचना नेशनल साइबर सिक्योरिटी काउंसिल को दी थी। एक सूत्र ने बताया कि एनसीएससी ने साइबर ऑडिट टीम बनाई, जो सितंबर मध्य में पावर प्लांट आई थी।

कंपनी ने एक बयान में कहा है कि जिस कंप्यूटर में मालवेयर पाया गया, उसे प्रशासनिक कार्यो के लिए इंटरनेट से जोड़ा गया था। मालवेयर पाए जाने के बाद उसे गहन आंतरिक नेटवर्क से अलग कर दिया गया।

कंपनी ने उस मीडिया रिपोर्ट को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि दक्षिण भारत के कुडनकुलम स्थित रूस निर्मित रिएक्टरों पर साइबर हमला हुआ था। कुछ साइबर विशेषज्ञों ने भी मंगलवार को इस संभावित हमले को लेकर ट्वीट किया था। इनमें से एक पुखराज सिंह, जो स्वतंत्र रूप से काम करते हैं, ने कहा कि उन्होंने पिछले महीने की चार तारीख को ही सरकार को इस हमले को लेकर आगाह किया था।

एनपीसीआइएल ने कहा कि इस तरह के हमलों से निपटने के लिए बनाई गई सरकारी एजेंसी सीईआरटी-इन ने चार सितंबर को इस मालवेयर को पकड़ा था और परमाणु ऊर्जा विभाग के विशेषज्ञों ने तत्काल उसकी जांच की थी। जांच में यह पाया गया था कि इस मालवेयर से संयंत्र के सिस्टम पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा था। एनपीसीआइएल इस समय देश में 22 व्यावसायिक न्यूक्लियर पॉवर रिएक्टरों का संचालन कर रही है, जिनकी बिजली उत्पादन क्षमता 6,780 मेगावाट है।

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