अयोध्या में शनिवार को अभद्र टिप्पणी मामले में महंत और परमहंस दास के गुरु महंत सर्वेश्वर दास ने परमहंस दास को तपस्वी छावनी से निष्कासित कर दिया। उनका कहना है कि परमहंस दास का आचरण ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि पूज्य संत महंतों पर अशोभनीय टिप्पणी करना संतों का आचरण नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए एक ट्रस्ट बनाने का निर्देश केंद्र सरकार को दिया है जिसके अध्यक्ष पद को लेकर संतों में आपसी घमासान शुरू हो गया। शुक्रवार को ऐसा ही एक ऑडियो वायरल हुआ था जिसमें राम जन्म भूमि न्यास के सदस्य एवं पूर्व सांसद डॉ. राम विलास वेदांती तपस्वी छावनी के महंत परमहंसदास से खुद को अध्यक्ष बनाए जाने के लिए आवाज उठाने के लिए प्रेरित कर रहे थे।
इसी बातचीत में रामजन्मभूमि न्यास (ट्रस्ट) के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपालदास को लेकर अपमानजनक भाषा का भी इस्तेमाल किया गया है। जिसको लेकर बवाल मचा था। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट से फैसला आने के बाद महंत नृत्यगोपालदास ने कहा था कि मंदिर निर्माण के लिए पहले से ही ट्रस्ट बना हुआ है। इसे ही सरकारी ट्रस्ट का रूप दे दिया जाए।
जिसके बाद से ही ट्रस्ट के अध्यक्ष पद के लिए संत और उनके अुनयायी लगातार दावा ठोक रहे हैं। हाल ये है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ट्रस्ट में शामिल करने को लेकर संतों में एक राय नहीं है। कुछ लोग मुख्यमंत्री योगी के पक्ष में हैं तो कुछ उन्हें दूसरे संप्रदाय का बताते हुए उनका विरोध कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को ट्रस्ट बनाने के लिए तीन महीने का वक्त दिया है।