व्यक्ति के जन्म के साथ ही उस पर सभी ग्रह-नक्षत्रों का प्रभाव पड़ना शुरू हो जाता है। उस पर कुछ अच्छे प्रभाव पड़ते हैं तथा कुछ बुरे प्रभाव पड़ते हैं। किसी भी बच्चे के जन्म के समय ही उसकी कुंडली बनवाई जाती है, ताकि उसके ग्रह-नक्षत्रों के बारे में अच्छे से जाना जा सके। लेकिन ग्रहों और नक्षत्रों से ज्यादा इंसान के कर्म का उसके जीवन पर ज्यादा प्रभाव पड़ता है। अगर व्यक्ति के कर्म अच्छे होते हैं तो ग्रहों के शुभ-अशुभ प्रभाव भी बदल सकते हैं।