पति नहीं ब्वॉयफ्रेंड था पसंद, लोगों ने टोका तो फांसी के फंदे से झूल गई युवती

विश्वविद्यालय पुलिस चौकी इलाके के परबत्ती काली स्थान के पीछे अमरदीप मंडल की पत्नी प्रीति कुमारी (22) ने रविवार को गले में दुपट्टे से फंदा लगाकर खुदकशी कर ली। उसका मायका पटना के अनीशाबाद था।
पति अमरदीप के मुताबिक प्रीति का प्रेम-प्रसंग पिछले आठ साल से पटना में ही उसके पड़ोस में रहने वाले कन्हैया नामक युवक से चल रहा था। मगर परिवार वालों ने उसकी मर्जी के बगैर उसके साथ शादी कर दी थी। इस बात से वह हमेशा डिप्रेशन में रहती थी। इसी दबाव में उसने अपनी इहलीला समाप्त कर ली। अमरदीप टाइल्स मार्बल का काम करता है। पुलिस मामले की हर बिंदु पर जांच में जुट गई है। 

सास गई खाना देने तो देखा फंदे से लटकी थी बहू

प्रीति की सास राज लक्ष्मी ने बताया कि उसके बेटे ने दोपहर को खाना मांगा और वह जब खाना देने के लिए किचन गई तो देखा बहू के कमरे का दरवाजा बंद था। इस पर उन्हें शक हुआ। उन्होंने दरवाजे में काफी धक्का दिया मगर जब कमरा नहीं खुला तो उसने लकड़ी के सहारे किसी तरह छिटकनी खोल दी। अंदर देखा तो फंदे से उसकी बहू लटकी हुई थी। 
तत्काल उन लोगों ने मामले की जानकारी स्थानीय पुलिस को दी। उस समय अमरदीप वहां नहीं था। उन लोगों ने प्रीति के मायके वालों को इसकी सूचना दे दी। वहीं पुलिस ने प्रीति के पति अमरदीप, बड़े भाई दिलीप और मां राज लक्ष्मी को हिरासत में ले रखा है। 

प्रीति शादी से नहीं थी खुश, करती थी प्रेमी से बात

अमरदीप के मुताबिक उन दोनों की शादी 2016 में हुई थी। मगर वह शादी से खुश नहीं थी। उसने बताया कि पहले भी प्रीति के परिवार वालों ने उसकी शादी एक युवक से की थी। मगर पहले से संबंध होने के कारण उस युवक ने उसे छोड़ दिया था। परिवार वालों ने ये सारी बातें छुपाते हुए प्रीति की शादी उसके साथ कर दी। 
इस बात की जानकारी उसे कुछ दिन पहले ही ससुराल में एक फंक्शन में जाने के बाद पता चली। जब उसने इसके बारे में प्रीति से पूछा तो उसने सारी कहानी अमरदीप को बता दी। प्रीति के हाथ पर भी ‘पी’ और ‘के’ नाम से टैटू गुदा हुआ है। जिसमें पी का मतलब प्रीति और के मतलब कन्हैया है। 

भाई और मामी ने 28 मई को समझा-बुझाकर भेजा था 

प्रीति अपने पति के पास भी मोबाइल पर कन्हैया से काफी बात करती थी। मना करने पर वह रोना-धोना शुरू कर देती थी। इस बात की शिकायत जब अमरदीप ने प्रीति के परिवार वालों से की तो 24 अप्रैल को उसकी मामी और भाई भागलपुर पहुंची और उसे साथ लेकर पटना चली गई। 
28 मई को उन लोगों ने प्रीति को परबत्ती में अमरदीप को सौंपा और कहा कि अब वह कभी कन्हैया से बात नहीं करेगी। जब वे लोग चले गए तो प्रीति ने घर में रोना धोना शुरू कर दिया। वह काफी तनाव में रहने लगी थी। अमरदीप के मुताबिक उसने एक बार स्टांप पर उसे लिख कर दे दिया था कि वह अमरदीप के साथ नहीं रहना चाहती है। 

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