आम आदमी पार्टी की सरकार एक बार फिर विवादों में घिर गई है। सरकार के विधायकों पर आरोप है की मुख्यमंत्री आवास पर सोमवार आधी रात को हुई एक बैठक में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मौजूदगी में मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ हाथापाई की गई।
हालांकि, सरकार ने सभी आरोपों को खारिज कर दिया है। वहीं, इससे नाराज आईएएस एसोसिएशन ने एलजी से शिकायत दर्ज करा दोषी विधायकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
उधर, दिल्ली सचिवालय के अधिकारियों और कर्मचारियों ने विरोध में कामकाज ठप्प कर दिया है।
मुख्य सचिव ने बताई ये बात
मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के मुताबिक, रविवार शाम को उनके पास मुख्यमंत्री के सलाहकार के यहां से बैठक के लिए फोन आया था। बैठक का विषय टीवी विज्ञापनों को लेकर था।
पहले उन्होंने बैठक को 20 फरवरी की सुबह करने के लिए कहा, मगर मुख्यमंत्री कार्यालय रात में ही बैठक करने पर अड़ा रहा। वे सोमवार रात करीब 12 बजे सिविल लाइंस स्थित मुख्यमंत्री आवास पहुंचे।
वहां पहले से मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री सहित 10 से 11 विधायक मौजूद थे। बैठक में विज्ञापन को लेकर बात शुरू ही हुई थी कि एक विधायक उन पर चिल्लाने लगा और गालियां दीं। साथ ही उन्हें एससी एसटी एक्ट में फंसाने की धमकी दी।
अचानक बगल में बैठे विधायक अमानतुल्लाह खां ने पहले उनके सिर पर मारा और धक्कामुक्की करने लगे। इसमें उनका चश्मा भी नीचे गिर गया। किसी तरह वे कमरे से बाहर निकलकर सीएम हाउस के बाहर आए।
घटना के बाद मुख्यसचिव ने एलजी आवास में जाकर पूरी घटना की जानकारी दी है। इसके अगले दिन उन्होंने शिकायत देकर कार्रवाई की भी मांग की।
विधायकों के मुताबिक ये थी बैठक की वजह
उधर, सरकार ने इन सभी आरोपों को खारिज दिया है। बैठक में मौजूद विधायक प्रकाश जारवाल व अजय दत्त का कहना है कि वह मुख्य सचिव से 2.50 लाख लोगों को राशन नहीं मिलने को लेकर सवाल पूछ रहे थे।
मुख्य सचिव ने जवाब देन से मना करते हुए जातिसूचक अपशब्दों का इस्तेमाल किया। साथ ही कहा कि उनके बॉस एलजी हैं। विधायक के प्रति उनकी जवाबदेही नहीं है।
प्रकाश जारवाल व अजयदत्त ने पुलिस आयुक्त समेत एससी एसटी आयोग में भी शिकायत दर्ज कराई है।