पीएम नरेंद्र मोदी ने शनिवार (9 नवंबर) को करतारपुर गलियारे का उद्घाटन किया. इसके साथ ही उन्होंने पहले जत्थे को करतारपुर साहिब के लिए रवाना किया जिसमें पूर्व पीएम मनमोहन सिंह और उनकी पत्नी भी शामिल हैं. करतारपुर गलियारे को लेकर सिख श्रृद्धालुओं में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है. हालांकि नियमों की सही जानकारी नहीं होने की वजह से कुछ श्रृद्धालुओं को वापस भी लौटना पड़ रहा है.
सोमवार को कई ऐसे लोग करतारपुर कॉरिडोर इंटिग्रेटेड चेक पोस्ट पहुंचे जिन्हें पहले से पंजीकरण कराने के बाद भी पाकिस्तान स्थित गुरुद्वारा श्री दरबार साहिब करतारपुर जाने की अनुमति नहीं मिली. कुछ ऐसे भी लोग हैं जिन्हें नियमों के बारे में जानकारी नहीं थी और वह दर्शन के लिए पहुंच गए. अमृतसर से करतारपुर कॉरिडोर पहुंचे एक परिवार ने मीडिया को बताया है कि उन्होंने परिवार के तीन सदस्यों का पंजीकरण करवाया था. परिवार के बेटे सिमारप्रीत सिंह ने कहा कि उसने अपने माता-पिता के साथ पंजीकरण किया था और पुलिस वेरिफिकेशन भी हुआ.
किन्तु करतारपुर जाने की अनुमति केवल पिता को मिली. इसके अतिरिक्त करनाल का एक परिवार पाकिस्तान स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब मत्था टेकने के इरादे से गुरदासपुर के डेरा बाबा नानक पहुंचा. उनके पास पोसपोर्ट तो था लेकिन उन्होंने नियमों के अनुसार पंजीकरण नहीं किया था. गुरुतेज सिंह ने बताया कि उन्हें यह नहीं पता था कि रजिस्टर करना आवश्यक है. यहां आकर पता चला है. अब हमें दूरबीन के माध्यम से ही पाकिस्तान स्थित गुरुद्वारा करतारपुर साहिब के दर्शन कर वापिस वापस लौटना पड़ रहा है.