पंजाब-हरियाणा में किसानों ने मनाया ब्लैक-डे, हिसार में टकराव

खनौरी बॉर्डर पर गुरुवार रात एक और किसान की मौत हो गई। किसानों का कहना है कि बठिंडा के गांव अमरगढ़ के किसान दर्शन सिंह की आंसू गैस के जहरीले धुएं से तबीयत बिगड़ गई थी। कुछ ही समय बाद उनकी मौत हो गई। शव को पटियाला के राजिंदरा अस्पताल पटियाला में रखा गया है।

किसान आंदोलन के दौरान खनौरी-दातासिंह वाला बॉर्डर पर टकराव के दौरान युवा किसान शुभकरण की मौत के विरोध में शुक्रवार को हरियाणा और पंजाब में किसानों ने काला दिवस मनाया। किसानों ने जगह-जगह धरने दिए और काले झंडे लेकर रोष मार्च निकाला। किसानों ने प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृह मंत्री व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के पुतले जलाकर रोष प्रकट किया। प्रतिष्ठानों पर काले झंडे लगाए गए।

वहीं, हिसार के खेड़ी चौपटा में धरने पर बैठे किसानों ने दोपहर दो बजे दातासिंह बॉर्डर जाने का प्रयास किया तो पुलिस ने रोक लिया। किसान कच्चे रास्तों से निकलने लगे तो पुलिस ने वहां भी रोकने का प्रयास किया। इस पर पुलिस और किसानों में टकराव हो गया। किसानों के पथराव करने पर पुलिस ने लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले चलाए। इसमें दो डीएसपी व एसएचओ घायल हुए हैं। 20 से अधिक किसानों को भी चोट आई है। पुलिस ने किसान नेता सुरेश कौथ समेत कुछ लोगों को हिरासत में लिया है। सूत्रों के अनुसार किसान शनिवार सुबह 11 बजे एक बार फिर दिल्ली कूच कर सकते हैं।

इस बीच, हरियाणा पुलिस ने किसानों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) लगाने का फैसला वापस ले लिया है। गुरुवार को पुलिस ने सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले किसानों की संपत्ति कुर्क करने और खाते सीज कर रासुका के तहत कार्रवाई किए जाने की बात कही थी। अंबाला रेंज के आईजी कविराज सिवास ने शुक्रवार को फैसला वापस होने की जानकारी दी। वहीं, दातासिंह वाला व शंभू बॉर्डर पर शुभकरण को श्रद्धांजलि दी गई। साथ ही 26 फरवरी को ट्रैक्टर मार्च निकालने को लेकर भी रणनीति बनाई गई। शुक्रवार को किसान नेता सरवण सिंह पंधेर ने कहा कि दिल्ली कूच को लेकर अभी विचार-विमर्श किया जा रहा है।

शुभकरण के परिवार को एक करोड़ व बहन को सरकारी नौकरी की घोषणा, परिवार ने प्रस्ताव ठुकराया

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शुक्रवार को मृतक शुभकरण के परिवार को शुक्रवार को एक करोड़ रुपये और बहन को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की। वहीं, परिवार ने एक करोड़ की सहायता राशि व सरकारी नौकरी का प्रस्ताव ठुकरा दिया है। किसान नेता सरवण सिंह पंधेर व जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि जब तक एफआईआर दर्ज नहीं की जाएगी, तब तक अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा। उनके साथ शुभकरण का परिवार भी मौजूद था।

30 में से छह किसान जमानत पर रिहा, 24 को जेल भेजा

21 फरवरी को पानीपत से शंभू बॉर्डर जाते समय अंबाला में गिरफ्तार किए 30 किसानों में से छह को पुलिस ने जमानत पर रिहा कर दिया। अन्य 24 को अंबाला सेंट्रल जेल भेज दिया गया है।

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