पंजाब में गर्मी का कहर बरस रहा है उसके दुष्प्रभाव होने शुरू हो चुके है। बुधवार को महानगर जालंधर में रिकार्ड तोड़ गर्मी पड़ी व अधिकतम तापमान 45.9 डिग्री रिकार्ड किया गया, जोकि अब तक का सबसे अधिक तापमान रिकार्ड हुआ है। इसी के चलते विशेषज्ञों द्वारा एहतियात अपनाने की सलाह दी जा रही है। इस सीजन के दौरान मई में 45.9 डिग्री की रिकार्ड तोड़ गर्मी ने मौसम विशेषज्ञों को हैरान कर दिया है, क्योंकि मई के सीजन में इतनी गर्मी पड़ना आने वाले दिनों के खतरे का अंदेशा दे रहा है। पंजाब में गर्मी ने रिकार्ड तोड़ रखे है और गत रोज पंजाब का तापमान 49.3 डिग्री तक पहुंच गया था।
पंजाब में पड़ रही गर्मी के क्रम में आज 1 डिग्री तक की गिरावट हुई जबकि महानगर जालंधर के तापमान में बढ़ौतरी दर्ज हुई। गत रोज जालंधर का तापमान 44 डिग्री के करीब रिकार्ड हुआ था व बुधवार को लगभग 2 डिग्री की बढ़ौतरी होने से अधिकतम तापमान 45.9 डिग्री तक जा पहुंचा है। वहीं, जालंधर का न्यूनतम तापमान 24 डिग्री के करीब रहा। इस तरह से बढ़ रहा तापमान भीषण गर्मी की दास्तां ब्यां कर रहा है। गर्मी के कहर से बचने की जरूरत है क्योंकि दोपहर के समय सीधी धूप में जाने वालों की त्वचा जलनी शुरू हो चुकी है। इसी के साथ-साथ गर्मी के और भी कई तरह के दुष्प्रभाव शुरू हो चुके हैं, जोकि बच्चों के लिए बेहद हानिकारक साबित हो सकते हैं। खासतौर पर दोपहर के समय गर्मी के बीच जाने वालों को चक्कर आना आम बात होने लगी है। इसी तरह से घबराहट होने के केसों में भी बढ़ौतरी हो रही है। वहीं, अधिक देर तक धूप में रहने वालों की आंखों के आगे अंधेरा छाने लगता है, जिसके चलते धूप में जाने वालों को अहतियात अपनानी चाहिए।
गर्मी के चलते होने वाले दुष्प्रभाव के लक्षण
पानी की कमी होते ही शरीर अपनी तासीर के हिसाब से रिएक्ट करता है, किसी को चक्कर आ सकते हैं, तो किसी को सिरदर्द हो सकता है और किसी को बेहोशी भी आ जाती है। असल में पानी की कमी से सांस की पूरी प्रक्रिया प्रभावित होती है। इस वजह से खून का फ्लो बनाए रखने के लिए दिल और फेफड़ों पर अधिक दबाव पड़ता है। इससे रक्तचाप पर भी असर पड़ता है। वहीं, खून के फ्लो में बदलाव के बाद दिमाग पर सीधा असर पड़ता है, इसलिए सिरदर्द की समस्या अमूमन सबसे पहला लक्षण होती है। माइग्रेन के रोगियों को अधिक गर्मी से बचने की सलाह दी जाती है। इसी के चलते गर्मी के समय में पानी अधिक पीना चाहिए।