पंजाब पुलिस ने तैयार किया है, कुत्तों को इस्तेमाल करने का यह ख़ास प्लान…

जेल प्रशासन ने अब जेलों में मोबाइल के इस्तेमाल को पूरी तरह से बंद करवाने के लिए कुत्तों का सहारा लेने के प्रोजेक्ट पर काम शुरू कर दिया है। विशेष तौर पर विदेशी प्रशिक्षकों द्वारा ट्रेंड इन कुत्तों को मोबाइल के साथ-साथ नशीले पदार्थों को ढूंढ़ने के लिए तैयार किया गया है। जेल प्रशासन ने बीते दिनों ऐसे आठ कुत्ते खरीदे हैं। करीब 20 लाख रुपये में खरीदे गए इन कुत्तों में दो मोबाइल पकड़ने वाले भी हैं। एक कुत्ते की कीमत 2.30 लाख रुपये है।

पंजाब की केंद्रीय व जिला जेलों में पिछले साल सर्च ऑपरेशन के दौरान 1547 मोबाइल पकड़े गए थे। मैक्सिमम सिक्योरिटी नाभा जेल ब्रेक कांड के बाद भी इसका खुलासा हुआ था कि जेल में बंद आतंकी हरमिंदर सिंह मिंटू ने 4जी स्मार्ट फोन के जरिए इंटरनेट कॉलिंग से पाकिस्तान कई बार बातचीत की थी। अलबत्ता जिस समय गैंगस्टरों को छुड़ाने के लिए उनके साथियों ने जेल पर हमला किया था तो अंदर से गैंगस्टर लगातार अपने साथियों से फोन के जरिए संपर्क में थे। उसके बाद जेलों में सर्च ऑपरेशन चलाए गए, जिसमें 1547 मोबाइल फोन बरामद किए गए थे।

 

कांग्रेस सरकार के सत्ता में आने के बाद जेलों में चलाए गए सर्च ऑपरेशन में 2328 मोबाइल फोन मिले थे। अलबत्ता जेल मंत्री को कई बार जेलों के अंदर से भी फोन करके कैदियों ने चुनौती दी थी कि किस प्रकार पंजाब की जेलों में खुलेआम मोबाइल फोन का इस्तेमाल किया जा रहा है।

जेल मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने नशीले पदार्थों के साथ-साथ जेलों में मोबाइल फोन के इस्तेमाल पर पूरा प्रतिबंध लगाने के प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया था। उन्होंने पुलिस को अपराधों को लेकर प्रशिक्षित कुत्तों की सप्लाई करने वाली एजेंसी के साथ बातचीत की। पहले चरण में आठ कुत्तों की डील फाइनल की गई है। इनमें 2.30 लाख रुपये के मोबाइल ढूंढऩे वाले कुत्ते भी शामिल हैं। नशीले पदार्थ ढूंढ़ने वाले कुत्तों की कीमत ढाई लाख से ज्यादा है। जेल मंत्री ने स्पष्ट कर दिया है कि अब जिस भी जेल में मोबाइल व नशीले पदार्थ मिलेंगे वहां के जेल स्टाफ एवं अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

 

कैसे ढूंढ़ते हैं मोबाइल व नशीले पदार्थ

कुत्तों का सबसे पसंदीदा खेल टग ऑफ वार होता है। प्रशिक्षक कुत्तों को इसी खेल के सहारे पहले खिलौनों से प्रशिक्षण देते हैं। उसके बाद उन्हें पसंदीदा खिलौने पर विभिन्न नशीले पदार्थों का लेप लगाकर उसे एक टावल के अंदर पैक कर देते हैं। उसी टावल को छिपा कर कुत्तों के साथ प्रशिक्षक खेलते हैं। टावल के अंदर रखे खिलौने से आने वाली गंध को सूंघकर कुत्ते उसे ढूंढ़ निकालते हैं।

पंजाब की जेलों में ज्यादातर हेरोइन, स्मैक व अफीम की सप्लाई होती है। इसलिए कुत्तों को इन्हीं नशों की गंध से प्रशिक्षित करते हैं। इसी प्रकार मोबाइल को भी प्रशिक्षक टावल के अंदर रखकर खेल-खेल में ही मोबाइल की गंध व उससे निकलने वाली रेडिएशन को सूंघने एवं भांपने की आदत डाल देते हैं।

 

स्मार्ट फोन को आसानी से ढूंढ़ लेते हैं कुत्ते

स्मार्ट फोन को स्विच ऑफ करने के बाद भी उसकी बैटरी से लगातार एक विशेष प्रकार की गंध निकलती रहती है। उसी को सूंघने का प्रशिक्षण कुत्तों को दिया जाता है। इसलिए साधारण फोन के मुकाबले प्रशिक्षित कुत्ते स्मार्ट फोन आसानी से खोज निकालते हैं। अगर फोन ऑन है तो इन कुत्तों से उसका बच पाना मुश्किल है।

जेलों में हर स्तर पर बढ़ाई जा रही चौकसी : रंधावा

जेल मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा का कहना है कि अभी पहले चरण में प्रशिक्षित कुत्तों का इस्तेमाल नशीले पदार्थों व मोबाइल को ढूंढऩे के लिए किया जा रहा है। पिछली सरकार के कार्यकाल में जेलों के अंदर सुरक्षा व्यवस्था पर ध्यान नहीं दिया गया था। अब जेलों के अंदर सुरक्षा व्यवस्था पर पूरा फोकस है। इसी कड़ी में प्रशिक्षित कुत्तों की मदद से इस प्रोजेक्ट को शुरू किया जा रहा है। विशेष प्रशिक्षित आठ कुत्ते जेल विभाग ने खरीदे हैं।

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