पंजाब और गोवा विधानसभा चुनाव में हार के बाद आम आदमी पार्टी (आप) यूपी के नगर निकाय चुनाव में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए कमर कस चुकी है. पार्टी ने जून और जुलाई में होने वाले महानगरों और स्थानीय निकाय चुनाव के लिए योग्य उम्मीदवारों की तलाश भी शुरू कर दिया है. मकसद 2019 लोकसभा चुनाव से पहले प्रदेश में पार्टी के लिए जमीन तलाशने की है.
यूपी विधानसभा चुनाव न लड़ने वाली आम आदमी पार्टी ने नगर निकाय चुनाव में जीत के लिए आंकलन भी शुरू कर दिया है. फिलहाल पार्टी पूरे प्रदेश में अपने प्रत्याशी उतारेगी, लेकिन फोकस उन सीटों पर होगा जहां उसकी स्थिति मजबूत होगी. इसके लिए पार्टी के पदाधिकारी बैठक भी कर रहे हैं.
आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता वैभव माहेश्वरी ने न्यूज़18 से ख़ास बातचीत में कहा, “ पार्टी ने प्रदेश के स्थानीय नगर निकाय चुनावों में सभी सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारने का फैसला किया है. कुछ ही दिनों में इस बात का आंकलन कर लिया जाएगा कि किन सीटों पर संगठन मजबूत स्थिति में है. अगर कहीं पार्टी कमजोर रहीं तो वहां से दूसरी जगह पर लड़ेंगे.”
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माहेश्वरी ने कहा कि चुनावों में मुद्दा नगर निगम व्याप्त भ्रष्टाचार, स्वास्थ्य, पार्किंग, सैनिटेशन ही होगा. पार्टी मेयर, चेयरमैन और वार्ड्स के लिए सभी सीटों पर प्रत्याशी उतारेगी.
बता दें आप के प्रदेश संयोजक संजीव सिंह ने आरोप लगाया है कि बीजेपी के मेयर अवैध बूचड़खाने चलाने में संलिप्त है. यह मुद्दा वे नगर निकाय चुनावों में उठाएंगे.
योगी सरकार में बूचड़खानों पर लगे प्रतिबन्ध पर उन्होंने कहा कि नगर निगम और बूचड़खाने का मुद्दा अलग है. बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में इस मुद्दे को धर्म से जोड़ा था. लेकिन बाद में इसे वैध और अवैध बूचड़खानों से जोड़ दिया. माहेश्वरी ने कहा कि हिन्दुओं के भावनाओं को ध्यान में रखते हुए प्रदेश में गोवंश हत्या पर पूर्ण प्रतिबंध लगना चाहिए.
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