मैसर्ज बाजवा डेवलपर लिमटिड ने जिला मोहाली के अंतर्गत आने वाले गांव सिंहपुर, हसनपुर और जंडपुर की 179 एकड़ जमीन में राज्य सरकार से रिहायशी और व्यापारिक प्रोजेक्ट पास करवाया था। अधिकारित कमेटी की तरफ से 22 मार्च 2013 को को लिए गए फैसले के अनुसार बाजवा प्रोमोटर ने कैंसर राहत फंड के तौर पर प्रोजेक्ट की लागत का एक फीसद या अधिकतम एक करोड़ रुपये सरकार के पास जमा नहीं करवाए
पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने शनिवार को चीफ टाउन प्लानर पंकज बावा सहित तीन लोगों पर बड़ा एक्शन लिया। विजिलेंस ने गैर कानूनी ढंग से एक हाउसिंग प्रोजेक्ट को पास किए जाने के मामले में यह कार्रवाई की है।
शुक्रवार देर शाम पंजाब के मुख्य सचिव अनुराग वर्मा ने चीफ टाउन प्लानर पंकज बावा को तत्काल प्रभाव निलंबित करने के आदेश जारी किए थे। शनिवार सुबह विजिलेंस ने पंकज बावा, हाउसिंग प्रोजेक्ट डेवेलपर जरनैल बाजवा और पटवारी लेख राज के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
गैर कानूनी ढंग से जो हाउसिंग प्रोजेक्ट पास किया गया है, उसमें शामिल अन्य आरोपी अफसरों की भूमिका की जांच की जाएगी। जानकारी के मुताबिक पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने खरड़ स्थित सन्नी इनकलेव के बाजवा डेवलपर लिमिटेड के डायरेक्टर जरनैल सिंह बाजवा निवासी सेक्टर- 71 एसएएस नगर, चीफ टाऊन प्लानर पंजाब ( सीटीपी) पंकज बावा निवासी सेक्टर- 22 ए चंडीगढ़ और राजस्व पटवारी लेख राज (सेवामुक्त) निवासी सेक्टर- 118, टीडीआई एसएएस नगर के विरुद्ध गैर कानूनी तौर पर हाउसिंग प्रोजेक्ट पास करने और अपेक्षित फीस जमा न कराने के दोष अधीन मुकदमा दर्ज किया गया है। इस मामले में सीटीपी पंजाब पंकज बावा को शनिवार को गिरफ्तार किया गया। विजिलेंस ने इस मामले में आईपीसी की धारा 409, 420, 467, 468, 471, 120-बी और भ्रष्टाचार रोकथाम कानून की धारा 13(1) (ए) और 13(2) के अंतर्गत थाना विजिलेंस ब्यूरो फ्लाइंग स्क्वाड- एक मोहाली में शनिवार को मामला दर्ज किया है। इस मामले में गमाडा, पुड्डा, चीफ टाउन प्लानर पंजाब और नगर काउंसिल खरड़ के अधिकारियों और कर्मचारियों या निजी व्यक्तियों की भूमिका की भी जांच की जाएगी।
विजिलेंस की जांच में हाउसिंग प्रोजेक्ट में निकली कमी
पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने जब चीफ टाउन प्लानर पंकज बावा को गिरफ्तार कर गैर कानूनी ढंग से पास किए हाउसिंग प्रोजेक्ट से जुड़ी फाइलों की जांच की तो पता चला है कि मैसर्ज बाजवा डेवेलपर लिमटिड ने जिला मोहाली के अंतर्गत आने वाले गांव सिंहपुर, हसनपुर और जंडपुर की 179 एकड़ जमीन में राज्य सरकार से रिहायशी और व्यापारिक प्रोजेक्ट पास करवाया था। अधिकारित कमेटी की तरफ से 22 मार्च 2013 को को लिए गए फैसले के अनुसार बाजवा प्रोमोटर ने कैंसर राहत फंड के तौर पर प्रोजेक्ट की लागत का एक फीसद या अधिकतम एक करोड़ रुपये सरकार के पास जमा नहीं करवाए और इस संबंध पुड्डा के अधिकारियों और कर्मचारियों ने नियमों अनुसार बाजवा डेवेलपर के विरुद्ध कोई कार्रवाई भी नहीं की।
इसके अलावा बाजवा डेवेलपर लिमटिड ने रेक्टर 120, 123, 124 और 125 में सन्नी एन्क्लेव, गांव जंडपुर, सिंहपुर, हसनपुर में रिहायशी मेगा प्रोजेक्ट का लेआउट प्लान भी मंजूर करवा लिया था। जिसमें 9.09 एकड़ में आर्थिक तौर पर पिछड़े वर्गों ( ईडब्ल्यूएस) के लिए रिहायशी योजना भी मंजूर करवाई गई थी। इस क्षेत्रफल में से गांव हसनपुर का 4 कनाल 17. 1/ 10 मरले और गांव सिंहपुर का 57 कनाल 0. 1/ 2 मरले क्षेत्रफल गमाडा के नाम पर रजिस्टर्ड करवा दिया, परंतु बाजवा डेवेलपर लिमटिड की तरफ से 1.32 एकड़ क्षेत्रफल की रजिस्टरी अभी भी गमाडा के नाम पर नहीं करवाई गई।
सात साल बाद भी गमाडा के नाम पर जमीन का इंतकाल नहीं कराया
जांच में सामने आया है कि 7 साल बीत जाने के बावजूद बाजवा डेवेलपर ने इन सभी जमीनों का इंतकाल गमाडा के नाम पर रजिस्टर्ड नहीं करवाया। यह क्षेत्र अभी भी मैसर्ज बाजवा डेवेलपर और डेवेलपर के अधीन है, जो बाजवा डेवेलपर लिमटिड की गमाडा के अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ मिलीभुगत को स्पष्ट तौर पर साबित करता है। जांच के दौरान यह भी पाया गया कि सीटीपी कार्यालय के अधिकारियों और कर्मचारियों ने गांव सिंहपुर तहसील मोहाली के खसरा नंबर 3// 1/ 1/ 1, 4// 5/ 2, 4// 2, 4// 3/ 1, 11// 16/ 3 (शामलात जमीन) संबंधित जमीन के प्रयोग में तबदीली ( सीएलयू) सर्टिफिकेट पास नहीं किया था, परंतु बाजवा डेवेलपर लिमटिड के डायरेक्टर जरनैल सिंह बाजवा ने उस समय डीटीपी रहे पंकज बावा (जोकि अब सीटीपी) सहायक टाऊन प्लानर रघबीर सिंह और पटवारी लेख राज (सेवामुक्त) की मिलीभगत के साथ बिना किसी मंजूरी के लेआउट प्लान में उक्त जमीन की मंजूरी दे दी। इसी तरह बाजवा डेवेलपर ने चीफ टाऊन प्लानर पंजाब के अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत के साथ अलग- अलग व्यक्तियों की जमीन उनकी जानकारी के बिना जाली दस्तावेजों के आधार पर सहमति के साथ लेआउट प्लान में पास करवा ली। इसके इलावा गांव जंडपुर की जमीन खसरा नं 16// 16, 16// 17 कुल क्षेत्र 2 एकड़ जो बाबा गुलाबदास चेला बैजलदास के नाम पर रजिस्टर्ड है, उसेभी जाली सहमति के आधार पर प्रोजेक्ट में शामिल किया गया था।
2014-15 में बिना नक्शा पास कराए 78 कॉमर्शियल बूथ बनवा डाले
विजिलेंस ने बताया कि बाजवा डेवेलपर के डायरेक्टर जरनैल सिंह बाजवा ने गमाडा के वर्ष 2014 और 2015 के समय के अधिकारियों के साथ मिलीभगत इस समयकाल में सेक्टर 123 के मेगा प्रोजेक्ट का बिना नक्शा पास करवाए 78 के करीब कॉमर्शियल बूथों का निर्माण करवा डाला। इससे सरकार के राजस्व को करोड़ों रुपये का आर्थिक नुक्सान हुआ, जो नक्शे की फीस के तौर पर भुगतान किये जाने थे।