नई दिल्ली : अफगानिस्तान के पंजशीर में लड़ाई काफी तेज हो गई है। पंजशीर पर कब्जे के लिए तालिबान के लड़ाके लगातार सर्घष कर रहे हैं, लेकिन पर कब्जा करना उनके लिए पंजशीर टेढ़ी खीर बन गया है। पंजशीर पर कब्जे के लिए अभी भी संघर्ष जारी है। बार-बार तालिबान दावा कर रहा है कि उसके लड़ाकों ने पंजशीर को अपने कब्जे में ले लिया है, लेकिन अफगान प्रतिरोधी मोर्चे की ओर से इस दावे को खारिज किया जा रहा है।
खबरों के मुताबिक पंजशीर पर कब्जे की कोशिश में तालिबान के 600 से ज्यादा लड़ाके मारे जा चुके हैं। अफगान प्रतिरोधी मोर्च ने संघर्ष में 600 से ज्यादा तालिबानी लड़ाकों को मौत के घाट उतार दिया गया है। न्यूज एजेंसी स्पुतनिक के मुताबिक प्रतिरोधी मोर्चे के प्रवक्ता फहीम दश्ती ने ट्वीट किया है कि उनके लड़ाकों ने 600 से ज्यादा तालिबानी मार तो गिराए ही हैं। एक हजार से ज्यादा ने आत्मसमर्पण भी कर दिया है। यह लड़ाई शनिवार की बताई जा रही है।
दूसरी ओर तालिबान का कहना है कि उसने पंजशीर प्रांत के सात में से चार जिलों पर कब्जा कर लिया है। अल जजीरा के मुताबिक, तालिबान के एक नेता का कहना है कि हमारी लड़ाई जारी थी और लड़ाके गवर्नर हाउस की ओर से बढ़ रहे थे, लेकिन रास्ते में बारूदी सुरंगों के कारण लड़ाई धीमी पड़ गई।
वहीं तालिबान के प्रवक्ता बिलाल करीमी का कहना है कि हमने खिंच व उनाबहा जिले पर अपना कब्जा जमा लिया है, इसके बाद पंजशीर प्रांत के सात में से चार जिले हमारे कब्जे में आ चुके हैं। उसने आगे कहा कि हमारे लड़ाके अब पंजशीर की ओर बढ़ रहे हैं।
इस बीच तालिबान के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले अहमद मसूद ने कहा है कि यह लड़ाई अभी जारी रहेगी। मसूद ने कहा कि उनकी लड़ाई पंचशीर घाटी को बचाने की ही नहीं बल्कि पूरे अफगानिस्तान को बचाने से है। उन्होंने भरोसा दिया कि तालिबानी के खिलाफ उनका संघर्ष तब तक खत्म नहीं होगा जब तक आखिरी महिलाओं के साथ अत्याचार और विदेशी नागरिकों को परेशान करना नहीं बंद होगा।
गौरतलब है कि अफगानिस्तान में बीते शुक्रवार को ही तालिबान सरकार के स्वरुप लेने की अटकलें थी। सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा था कि जुम्मे की नमाज के बाद कभी-भी तालिबान के नए शासन की शुरुआत हो सकती है। लेकिन यह अभियान फिलहाल कमजोर होता नजर आ रहा है।