शारदीय नवरात्र में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखनाथ मंदिर स्थित शक्ति मंदिर में कलश स्थापित करेंगे। विधि-विधान से पूजा-अनुष्ठान के साथ वह पूरे नौ दिन व्रत रहेंगे। इस नवरात्र में वह कुल छह दिन गोरखनाथ मंदिर में प्रवास करेंगे। गोरखनाथ मंदिर प्रबंधन ने 10 अक्टूबर से शुरू हो रहे नवरात्र के मद्देनजर तैयारियां शुरू कर दी हैं।
मुख्यमंत्री नवरात्र व्रत के दौरान केवल फल व गाय के दूध का सेवन करेंगे। मंदिर से मिली जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री व गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ के 10 अक्टूबर की दोपहर तक आने की संभावना है। इसी दिन शाम पांच बजे मंदिर में कलश यात्रा निकाली जाएगी। मुख्यमंत्री की अगुवाई में कलश यात्रा में मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ समेत गोरखनाथ मंदिर परिवार के सभी पुजारी, महंत, वेदपाठी बालक आदि शामिल होंगे। वेद के मांगलिक मंत्रों के उच्चारण के बीच यह शोभा यात्रा मुख्य मंदिर परिसर से निकल कर भीम सरोवर तक जाएगी। यहां कलश में जल भरने के बाद शक्ति मंदिर में कलश स्थापित किया जाएगा। मुख्यमंत्री अगले दिन गुरुवार की सुबह लखनऊ के लिए प्रस्थान कर जाएंगे।
16 की रात में करेंगे पूजन और हवन
सीएम की अनुपस्थिति में भी प्रतिदिन गोरखनाथ मंदिर में प्रतिपदा से नवमी तक श्रीमद्देवीभागवत की कथा एवं दुर्गा सप्तशती का पाठ सायं चार से छह बजे तक होगा। अष्टमी 16 अक्टूबर को दिन में 10:53 बजे के बाद लग जाएगी। अन्य लोग अष्टमी पूजन सूर्योदय के पश्चात 17 अक्टूबर को करेंगे लेकिन अष्टमी रात में मिलने के कारण मंदिर की परंपरा के मुताबिक 16 अक्टूबर की रात में मुख्यमंत्री मंदिर में महानिशा पूजन और हवन करेंगे। इसके लिए वे 16 अक्टूबर की शाम तक मंदिर आ जाएंगे। 17 अक्टूबर को भी मंदिर में पूजा-अर्चना करेंगे। 18 अक्टूबर को महानवमी श्रद्धा के साथ मनाई जाएगी। इस दिन योगी 12 बजे से कन्या पूजन एवं कन्या भोज श्रद्धा पूर्वक संपन्न करेंगे। कन्याओं का पांव धोकर और वस्त्र प्रदान कर पूजा-अर्चना करने के बाद सभी को अपने हाथों से भोजन कराएंगे।
19 को निकलेगा विजय जुलूस
19 अक्टूबर को विजयादशमी के दिन सुबह 9:25 बजे से मुख्यमंत्री मंदिर में श्रीनाथजी की पूजा-अर्चना करेंगे। इस दिन नाथ संप्रदाय के साधु संत और श्रद्धालु तिलक हाल में गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ का तिलक करेंगे। यह कार्यक्रम दिन में एक से तीन बजे तक चलेगा। उसके बाद सायं चार बजे से खुली जीप में सवार होकर योगी विजय जुलूस के साथ मानसरोवर मंदिर के लिए प्रस्थान करेंगे, जहां भगवान शंकर समेत सभी देवी-देवताओं का पारंपरिक रूप से पूजन-अर्चन करेंगे।
यहीं से वह मानसरोवर रामलीला मैदान में पहुंच कर मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम का तिलक कर आरती उतारेंगे। इसके बाद विजय जुलूस के साथ पुन: मंदिर में लौट आएंगे। सायं सात बजे से गोरखनाथ मंदिर में संतों, ब्राह्मणों एवं निर्धन नारायण के साथ सहभोज आयोजित होगा। मुख्यमंत्री अगले दिन 20 अक्टूबर को लखनऊ के लिए प्रस्थान करेंगे।