अगर आप नौकरी-पेशा हैं और आपकी सैलरी इतनी है कि सारे खर्च के बाद भी उसमें से पैसा बच जाता है तो आपको उन पैसों को कहीं निवेश में लगाना चाहिए। निवेश को लेकर लोगों में कई बार कन्फ्यूजन रहती है कि वह अपने पैसों का निवेश कहां करें। कहां, किस वक़्त, कैसे निवेश करना सही रहेगा? इस खबर में हम ऐसे ही कुछ निवेश विकल्पों के बारे में बता रहे हैं जहां आप अपनी सैलरी को निवेश कर सकते हैं।
पब्लिक प्रोविडंट फंड
पब्लिक प्रोविडंट फंड यानी पीपीएफ लंबी अवधि का एक लोकप्रिय निवेश विकल्प होता है। यह सुरक्षित निवेश के साथ बेहतर ब्याज भी देता है। इसपर 7.9 फीसद की दर से ब्याज मिलता है जो बैंक में निवेश के मुकाबले बेहतर है। छोटी बचत योजनाओं जैसे कि पीपीएफ पर मिलने वाले ब्याज की समीक्षा हर तिमाही सरकार की ओर से की जाती है। PPF का निवेश EEE यानी एक्सजेम्प्ट-एक्सजेम्प्ट-एक्सजेम्प्ट कैटेगरी में टैक्स फ्री होता है। निवेश की गई रकम कर मुक्त आय की श्रेणी में जाएगी। मिलने वाला ब्याज भी टैक्स फ्री होगा और मैच्योरिटी पर मिलने वाली रकम भी पूरी तरह टैक्स फ्री होगी।
इक्विटी म्युचुअल फंड
यह भी निवेश के लिहाज से बेहतर विकल्प है। ऐसे निवेशक जिन्होंने नई-नई जॉब शुरू की है वे यहां निवेश कर सकते हैं। उनके लिए यह अच्छा विकल्प है। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि यहां आप थोड़ी थोड़ी रकम को महीने-महीने में SIP के जरिये निवेश कर सकते हैं। यहां आप 500 रुपये से भी कम कीमत आर निवेश शुरू कर सकते हैं।
गोल्ड
गोल्ड भी निवेश के लिए एक बेहतर विकल्प है। इसमें निवेश के कई तरीके हैं जैसे, गोल्ड ETF, गोल्ड फ्यूचर, गोल्ड कॉइनस, गोल्ड स्कीम। इसमें सबसे बढ़िया है गोल्ड ETF जिसमें चोरी का कोई डर नहीं होता।
बैंक RD
रेकरिंग डिपॉजिट (RD) यानी आवर्ती जमा खाता में आप थोड़ा-थोड़ा करके हर महीने निवेश कर सकते हैं। नियमित सेविंग के लिहाज से यह बेहतर है। एफडी और आरडी दोनों पर ही मिलने वाला ब्याज लगभग एक जैसे ही होते हैं। आरडी पर ब्याज दरें 7.25 फीसद से 9 फीसद तक होती हैं। ये कस्टमर के प्लान और बैंक पर निर्भर करता है। अधिकांश बैंकों की रेकरिंग डिपॉजिट में निवेश की न्यूनतम सीमा 100 रुपये से शुरू है। वहीं, अधिकतम सीमा 1.5 लाख रुपये तक है। खाते में पांच से 10,000 हजार रुपए तक मेंटेन रखने होते हैं।