मोदी सरकार ने बड़े नोटों बने लगा दिया है और कैशलेस ट्रांजेक्शन को बढ़ावा दे रही है। नोटबंदी और कैशलेस ट्रांजेक्शन की मोदी सरकार की अपील के बाद नवंबर और दिसंबर में आधार कार्ड एनरोलमेंट का ग्राफ में भारी बढ़ोत्तरी हुई है। सरकार की ओर से बैंकिंग के लिए आधार नंबर जरूरी करने और कैशलेस इकॉनॉमी को बढ़ावा देने के लिए मोबाइल फोन के जरिए पेमेंट की सुविधा को और आसान बनाए जाने के बाद लोगों ने आधार कार्ड रजिस्ट्रेशन में दिलचस्पी दिखाई है।
यूनीक आइडेंटिफिकेश अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) के आंकड़ों के मुताबिक, दिसंबर 2006 में आधार कार्ड एनरोलमेंट पर देशभर में इसके पिछले महीने के मुकाबले 60 फीसदी देखने को मिली। माना जा रहा है कि नोटबंदी के ऐलान के बाद लोगों ने आधार कार्ड में रुचि दिखाई है।
ये हैं UIDAI के आंकड़े आंकड़ों के मुताबिक, अक्टूबर में 1.21 करोड़ (12.19 मिलियन) लोगों ने आधार कार्ड के लिए रजिस्ट्रेशन कराया था। हालांकि नवंबर में यह आंकड़ा गिरकर एक करोड़ (10.49 मिलियन) हो गया। लेकिन दिसंबर में अचानक इसमें बढ़त देखने को मिली और 1.6 करोड़ (16.05 मिलियन) लोगों ने आधार कार्ड के लिए रजिस्ट्रेशन कराया।
UIDAI के एक सीनियर अधिकारी के मुताबिक, ‘जनवरी के पहले सप्ताह में भी आधार कार्ड के लिए खासा रुझान देखने को मिला है। पहले सप्ताह में 30 लाख से ज्यादा लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। इससे देश में कुल आधार कार्ड रजिस्ट्रेशन की संख्या 110 करोड़ हो गई है। इनमें से 98 फीसदी लोग वयस्क हैं। नोटबंदी के बाद आधार कार्ड के रजिस्ट्रेशन में तेजी आई है। इसका कारण यह भी है कि लोगों को लगता है कि सरकार कई तरह की योजनाएं शुरू कर रही है जिनका फायदा सिर्फ आधार कार्ड के जरिए ही उठाया जा सकता है।’