नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की पांच दिनों की चीन यात्रा के दौरान दोनों देश कई समझौतों पर हस्ताक्षर करेंगे। इन समझौतों में ऊर्जा सहयोग और तिब्बत में केरुंग से राजधानी काठमांडू के बीच रेलवे लाइन निर्माण समझौता भी शामिल होगा। चीन दौरे पर जा रहे नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली से एक पूर्व प्रधानमंत्री ने बीजिंग के सामने भारत-नेपाल-चीन के बीच लिपु लेख का विवादित मुद्दा उठाने को कहा है। मंगलवार से शुरू होने जा रही पांच दिनों की चीन यात्रा से पहले प्रधानमंत्री ने पूर्व प्रधानमंत्रियों के साथ बातचीत की। प्रधानमंत्री 19 से 24 जून तक चीन की यात्रा पर रहेंगे। भारत-चीन के साथ लगती नेपाली सीमा पर लिपु लेख अंतिम बिंदु है। इसे नेपाल और तिब्बत के बीच व्यापारियों और तीर्थयात्रियों के आवागमन का प्राचीन मार्ग माना जाता है। ओली ने पहली बार शनिवार को देश के पूर्व प्रधानमंत्रियों शेर बहादुर देउबा, पुष्प कमल दहल, माधव कुमार नेपाल, झाला नाथ खानल और बाबूराम भट्टराई से बातचीत की। न्याय शक्ति नेपाल पार्टी के समन्वयक भट्टराई ने प्रधानमंत्री के सामने 10 सूत्री सुझाव प्रस्तुत किया। काठमांडू पोस्ट के मुताबिक, भट्टराई ने ओली से लिपु लेख मुद्दा उठाने का आग्रह किया है। दोनों देशों के बीच इसे ट्रांजिट प्वाइंट के रूप में विकसित करने पर सहमति बन चुकी है। चीन के साथ सीमा पर और प्वाइंट खोलने, जमीन की अदला-बदली कर सीमा विवाद का निपटारा करने, बेल्ट एंड रोड पहल ढांचा और एशियन इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड इन्वेस्टमेंट बैंक के तहत वित्तीय मदद मांगने और सीमावर्ती कस्बे केरुंग से काठमांडू तक रेलवे निर्माण के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री से ग्रांट हासिल करने को भी कहा है। मुलाकात के दौरान पूर्व प्रधानमंत्रियों ने ओली से परियोजनाएं पेश करने और चीन से सहायता मांगने को कहा। इससे नेपाल को अपने ताकतवर पड़ोसी के त्वरित विकास का लाभ मिल सकेगा। उन्होंने चीन के निवेशकों को आकर्षित करने का भी सुझाव दिया है। ओली ने उन्हें नेपाल-चीन संबंधों नई ऊंचाई तक ले जाने का भरोसा दिया।

नेपाल के,, PM अाज से चीन दौरे पर, तिब्बत-काठमांडू रेलवे लाइन समझौते पर करेंगे हस्ताक्षर

नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की पांच दिनों की चीन यात्रा के दौरान दोनों देश कई समझौतों पर हस्ताक्षर करेंगे। इन समझौतों में ऊर्जा सहयोग और तिब्बत में केरुंग से राजधानी काठमांडू के बीच रेलवे लाइन निर्माण समझौता भी शामिल होगा।नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की पांच दिनों की चीन यात्रा के दौरान दोनों देश कई समझौतों पर हस्ताक्षर करेंगे। इन समझौतों में ऊर्जा सहयोग और तिब्बत में केरुंग से राजधानी काठमांडू के बीच रेलवे लाइन निर्माण समझौता भी शामिल होगा।  चीन दौरे पर जा रहे नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली से एक पूर्व प्रधानमंत्री ने बीजिंग के सामने भारत-नेपाल-चीन के बीच लिपु लेख का विवादित मुद्दा उठाने को कहा है। मंगलवार से शुरू होने जा रही पांच दिनों की चीन यात्रा से पहले प्रधानमंत्री ने पूर्व प्रधानमंत्रियों के साथ बातचीत की। प्रधानमंत्री 19 से 24 जून तक चीन की यात्रा पर रहेंगे।  भारत-चीन के साथ लगती नेपाली सीमा पर लिपु लेख अंतिम बिंदु है। इसे नेपाल और तिब्बत के बीच व्यापारियों और तीर्थयात्रियों के आवागमन का प्राचीन मार्ग माना जाता है।  ओली ने पहली बार शनिवार को देश के पूर्व प्रधानमंत्रियों शेर बहादुर देउबा, पुष्प कमल दहल, माधव कुमार नेपाल, झाला नाथ खानल और बाबूराम भट्टराई से बातचीत की। न्याय शक्ति नेपाल पार्टी के समन्वयक भट्टराई ने प्रधानमंत्री के सामने 10 सूत्री सुझाव प्रस्तुत किया।  काठमांडू पोस्ट के मुताबिक, भट्टराई ने ओली से लिपु लेख मुद्दा उठाने का आग्रह किया है। दोनों देशों के बीच इसे ट्रांजिट प्वाइंट के रूप में विकसित करने पर सहमति बन चुकी है। चीन के साथ सीमा पर और प्वाइंट खोलने, जमीन की अदला-बदली कर सीमा विवाद का निपटारा करने, बेल्ट एंड रोड पहल ढांचा और एशियन इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड इन्वेस्टमेंट बैंक के तहत वित्तीय मदद मांगने और सीमावर्ती कस्बे केरुंग से काठमांडू तक रेलवे निर्माण के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री से ग्रांट हासिल करने को भी कहा है। मुलाकात के दौरान पूर्व प्रधानमंत्रियों ने ओली से परियोजनाएं पेश करने और चीन से सहायता मांगने को कहा। इससे नेपाल को अपने ताकतवर पड़ोसी के त्वरित विकास का लाभ मिल सकेगा। उन्होंने चीन के निवेशकों को आकर्षित करने का भी सुझाव दिया है। ओली ने उन्हें नेपाल-चीन संबंधों नई ऊंचाई तक ले जाने का भरोसा दिया।

चीन दौरे पर जा रहे नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली से एक पूर्व प्रधानमंत्री ने बीजिंग के सामने भारत-नेपाल-चीन के बीच लिपु लेख का विवादित मुद्दा उठाने को कहा है। मंगलवार से शुरू होने जा रही पांच दिनों की चीन यात्रा से पहले प्रधानमंत्री ने पूर्व प्रधानमंत्रियों के साथ बातचीत की। प्रधानमंत्री 19 से 24 जून तक चीन की यात्रा पर रहेंगे।

भारत-चीन के साथ लगती नेपाली सीमा पर लिपु लेख अंतिम बिंदु है। इसे नेपाल और तिब्बत के बीच व्यापारियों और तीर्थयात्रियों के आवागमन का प्राचीन मार्ग माना जाता है।

ओली ने पहली बार शनिवार को देश के पूर्व प्रधानमंत्रियों शेर बहादुर देउबा, पुष्प कमल दहल, माधव कुमार नेपाल, झाला नाथ खानल और बाबूराम भट्टराई से बातचीत की। न्याय शक्ति नेपाल पार्टी के समन्वयक भट्टराई ने प्रधानमंत्री के सामने 10 सूत्री सुझाव प्रस्तुत किया।

काठमांडू पोस्ट के मुताबिक, भट्टराई ने ओली से लिपु लेख मुद्दा उठाने का आग्रह किया है। दोनों देशों के बीच इसे ट्रांजिट प्वाइंट के रूप में विकसित करने पर सहमति बन चुकी है। चीन के साथ सीमा पर और प्वाइंट खोलने, जमीन की अदला-बदली कर सीमा विवाद का निपटारा करने, बेल्ट एंड रोड पहल ढांचा और एशियन इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड इन्वेस्टमेंट बैंक के तहत वित्तीय मदद मांगने और सीमावर्ती कस्बे केरुंग से काठमांडू तक रेलवे निर्माण के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री से ग्रांट हासिल करने को भी कहा है।

मुलाकात के दौरान पूर्व प्रधानमंत्रियों ने ओली से परियोजनाएं पेश करने और चीन से सहायता मांगने को कहा। इससे नेपाल को अपने ताकतवर पड़ोसी के त्वरित विकास का लाभ मिल सकेगा। उन्होंने चीन के निवेशकों को आकर्षित करने का भी सुझाव दिया है। ओली ने उन्हें नेपाल-चीन संबंधों नई ऊंचाई तक ले जाने का भरोसा दिया।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com