नई दिल्ली: नीरव मोदी और मेहुल चौकसी के बाद सीबीआई ने दिल्ली के एक हीरा कारोबारी पर ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स से 389.85 करोड़ रुपये की कथित तौर पर ऋण धोखाधड़ी करने का मामला दर्ज किया है. सीबीआई ने कथित धोखाधड़ी के लिए द्वारका दास सेठ इंटरनेशनल लिमिटेड पर मामला दर्ज किया है. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक की शिकायत के छह माह बाद एजेंसी ने कंपनी के निदेशकों सभ्य सेठ, रीता सेठ, कृष्ण कुमार सिंह, रवि सिंह एवं एक अन्य कंपनी द्वारका दास सेठ एसईजेड इनकॉर्पोरेशन के खिलाफ मामला दर्ज किया है.
गुरुवार को सीबीआई ने करोल बाग स्थित द्वारका दास सेठ इंटरनैशनल के खिलाफ केस फाइल किया. यह कंपनी डायमंड, गोल्ड और सिल्वर जूलरी की मैन्युफैक्चरिंग और ट्रेडिंग का काम करती है. बता दें कि देश इस वक्त सबसे बड़े बैंक घोटाले से जूझ रहा है. हीरा कारोबारी नीरव मोदी ने पंजाब नेशनल बैंक को 11,400 करोड़ रुपए की चपत लगाई. इस पूरे घोटाले को मुंबई की एक ही ब्रांच के जरिए अंजाम दिया गया. तीन फरवरी को जब पीएनबी प्रबंधन को मामले की जानकारी मिली तो उसने कार्रवाई शुरू की, लेकिन इससे दो दिन पहले ही नीरव मोदी को इस बात की भनक लग गई और वह फरार हो गया.
इस तरह सामने आया पीएनबी घोटाला
पीएनबी के अधिकारियों ने सबसे पहले नीरव मोदी को 800 करोड़ की रकम का एलओयू जारी किया. जब मोदी उसको नहीं चुका पाया तो बैंक ने पैसा वसूलने के बजाय नीरव मोदी को और एलओयू जारी कर दिए. इन एलओयू को आधार बनाकर नीरव मोदी ने नया लोन ले लिया. ये फर्जीवाड़ा जनवरी तक चलता रहा. जनवरी में जब इन एलओयू की मैच्युरिटी पूरी हो गई तो दूसरे बैंकों ने पीएनबी से लोन के रिपेमेंट की मांग की.
यहां तक कि रिपोर्ट के मुताबिक 16 जनवरी 2018 को भी इस तरह एलओयू मोदी की कंपनी के नाम पर जारी हुआ. जब बैंक के कर्मचारी ने नीरव मोदी की कंपनी से एलओयू के लिए 100 फीसदी कैश मार्जिन जमा करने के लिए कहा तो कंपनी ने कहा कि उसने पहले भी इस तरह से लोन लिया है. इसके बाद जब बैंक ने अंदरुनी जांच की तो पता चला कि नीरव मोदी की कंपनी को फर्जी एलओयू जारी किए गए थे. इसके बाद पीएनबी ने जनवरी के आखिरी सप्ताह में सीबीआई में इसकी शिकायत दर्ज करवाई.