वर्ष 2015 में मलिहाबाद के दतली समेत आसपास के गांवों में जहरीली शराब से 54 लोगों की मौत हो गई थी। 120 से अधिक की आंखें चली गईं या किसी अन्य गंभीर विकार की चपेट में आ गए। कुशीनगर, सहारनपुर और हरिद्वार में अवैध शराब से हुई मौतों के बाद की पड़ताल में शनिवार को ऐसी कई जानकारियां सामने आईं। आबकारी विभाग या प्रशासन को पता नहीं लेकिन खरीददार जानते हैं ‘कच्चा माल’ कहां मिलेगा। सस्ती अवैध शराब बनाने का कारोबार यूपी की राजधानी के ग्रामीण क्षेत्रों में फलफूल रहा है। कच्ची शराब के कारोबारी नशा बढ़ाने के लिए इसमें ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन से लेकर यूरिया, नींद की गोलियां तक मिला रहे हैं।
बंथरा व सरोजनीनगर इलाके में काफी अर्से से कच्ची शराब बनाने का अवैध कारोबार अब ‘कुटीर धन्धे’ में तब्दील होता जा रहा है। सरोजनीनगर के करीब एक दर्जन गांवों में कच्ची शराब बनाने का कारोबार हो रहा है। बंथराके गढ़ी-चुनौटी का मजरा दरियापुर लखनऊ सहित आसपास के जिलो में कच्ची शराब खूब बिक रही है। एक कारोबारी के मुताबिक कच्ची शराब को अधिक नशीला बनाने के लिए उसमें यूरिया व डाई खाद, सस्ती नींद की गोलियां व दुधारू पशुओं को लगाया जाने वाला प्रतिबंधित आक्सीटोसिन इंजेक्शन तक मिलाया जाता हैं। यही कारण है कि इन वस्तुओं की मात्रा अधिक हो जाने के चलते इस शराब को पीने वाले की जान भी जा सकती है।
मोहनलालगंज इंद्रजीत खेड़ा, गदियाना, हुलासखेड़ा, जबरौली, भदेसुवा समेत आधा दर्जन गांवो में अवैध शराब बनाई जा रही है। निगोहा में राती ,बेरीघाट, शिवपुरा सहित सई नदी के किनारे और मोहान रोड स्थित शाहदरा चौकी के पीछे अधिकतर घरों की महिलाएं व पुरुष अवैध शराब के धंधे में लिप्त है।
माल इलाके में कच्ची शराब के कारोबारियो पर आबकारी व माल पुलिस लगाम नही लगा पा रही जबकि माल थाने से पांच सौ मीटर की दूरी पर मौत का कारोबार फल फूल रहा है। इस गांव में दर्जनों भट्टियां आज भी धधक रही हैं। स्थानीय लोगों का आरोप है कि थाने पर लाकर इन कारोबारियो छोड़ दिया जाता हैं।
इंस्पेक्टर बृजेश सिंह ने बताया कि शनिवार दिन में 11 बजे थाने की टीम ने कच्ची शराब के लिए विख्यात उसरी गांव में छापामारी कर कैलाश पुत्र ब्रह्म प्रसाद के घर से 30 लीटर कच्ची शराब बरामद की। साथ ही छह लोगों को हिरासत में लिया। पकड़े गए आरोपियों में केतार, मदन, राहुल, कौशल, हंसराज व प्रदीप शामिल है।