निधि वन में ऐसा क्‍या कि यहां ‘पागल’ हो जाते हैं लोग

nidhi-vanनिधिवन उत्तरप्रदेश के वृंदावन में यमुना नदी के चीरघाट के नजदीक है। निधिवन का उल्लेख पुराणों में मिलता है। निधिवन वही स्थान है जहां द्वापरयुग में श्रीकृष्ण ने रासलीला की थी।

यह स्थान श्री राधारानी की अष्टसखियों में प्रधान ललिता सखी के अवतार के रूप में भी जाना जाता है। कहते हैं यहां वर्तमान में भी श्रीकृष्ण गोपियों संग रासलीला करते हैं। जो भी इस पूरे नृत्य की महज एक झलक देख लेता है, वह पागल हो जाता है। इसलिए शाम होते ही निधिवन में जाना पूरी तरह से निषेध है।आलम यह है कि पशु-पक्षी भी रात के समय निधिवन के आस-पास नहीं रहते हैं। निधिवन के पेड़ भी अद्भुत हैं। यहां पेड़ों की शखाएं नीचे की ओर बढ़ती हैं। इस वन में तुलसी के पौधे बहुत ज्यादा हैं। निधिवन में ही राधाजी एक मंदिर है। जवंशी चोर राधा रानी मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है। इस दिव्य वन में एक कुंड भी मौजूद है जिसे विशाखा कुंड के नाम से जाना जाता है।

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