गुजरात के उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल आखिरकार अपनी मांग मनवाने में सफल हो ही गए. शनिवार को बगावती तेवर अख्तियार करने वाले नितिन पटेल रविवार सुबह साढ़े सात बजे अमित शाह से बात होने के चार घंटे बाद ही कार्यभार संभालने ऑफिस पहुंच गए. अब शाम तक उन्हें उनको ‘सम्मानपूर्वक’ पसंदीदा वित्त मंत्रालय भी सौंप दिया गया.
गौरतलब है कि नितिन पटेल अहम मंत्रालय न मिलने से नाराज हो गए थे. उन्होंने कहा कि उनकी नाराजगी सत्ता के लिए नहीं, बल्कि मान-सम्मान के लिए है. उसके बाद से कांग्रेस को भी अपने लिए ‘संभावनाएं’ नजर आने लगी थीं. उसके बाद से तमाम कयास लगाए जा रहे थे. लेकिन, रविवार सुबह-सुबह अमित शाह ने उनसे फोन पर बात की और भाजपा के लिए ‘बात’ बन गई.
इसलिए थी नाराजगी
नितिन पटेल ने रविवार को कहा कि गुजरात में सरकार बनने के बाद मुझे नंबर-2 पर रखते हुए डिप्टी सीएम का पद दिया गया है, लेकिन दूसरे स्थान के नेता को जो मंत्रालय सौंपे गए वो उचित नहीं थे. उन्होंने कहा कि मुझसे वित्त और शहरी विकास मंत्रालय ले लिया गया जो ठीक नहीं है. इस बाबत नितिन ने राज्य के सीएम विजय रूपाणी, राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और संगठन मंत्री को अपनी शिकायत बता दी थी.
आश्वासन मिलते ही अमल शुरू
नितिन पटेल ने पार्टी से अपनी नाराजगी खत्म होने के बाद कहा है कि पार्टी अध्यक्ष की ओर से मुझे आश्वासन दिया गया है कि मुझे जो उच्च स्तरीय मंत्रालय चाहिए थे, उनको देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. इसके बाद ही मैंने मंत्रालयों के कामकाज को संभालने का फैसला किया है. पिछली सरकार में नितिन पटेल को वित्त और शहरी विकास जैसे मंत्रालय दिए गए थे जबकि नई सरकार में उन्हें कम महत्त्वपूर्ण माने जाने वाले सड़क और इमारत और स्वास्थ्य जैसे विभागों का भार सौंपा गया है.
हार्दिक ने दिया था साथ आने का न्योता
हार्दिक पटेल ने नितिन पटेल को अपने साथ आने का न्योता दिया था. हार्दिक ने कहा था, अगर बीजेपी में नितिन पटेल का सम्मान नहीं हो रहा है तो वह कांग्रेस ज्वाइन कर सकते हैं. हार्दिक ने कहा कि मैंने नितिन काका को मैसेज किया था. अगर वह कहते हैं कि उन्हें बीजेपी छोड़नी है तो मैं उनके साथ रहूंगा. अगर नितिन भाई 10 विधायकों के संग बीजेपी छोड़ने को तैयार हो जाते हैं तो हम कांग्रेस में उन्हें उपयुक्त पद देने की बात करेंगे.
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