निठारी केस में नंदलाल द्वारा बयान बदलने के मामले में अदालत ने साढ़े तीन साल कैद की सजा सुनाई और 20 हजार रुपये का लगाया जुर्माना

देश और दुनिया में चर्चित हुए दिल्ली से सटे यूपी के नोएडा निठारी कांड के हत्या, दुष्कर्म, साक्ष्य मिटाने व साजिश रचने के मामले में बयान से मुकरने के दोषी नंदलाल को गाजियाबाद के अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट-3 रवि शंकर गुप्ता की अदालत ने मंगलवार को साढ़े तीन साल कैद की सजा सुनाई व 20 हजार रुपये जुर्माना लगाया। जुर्माना अदा न करने पर उसे तीन माह अतिरिक्त कैद में रहना पड़ेगा।

अधिवक्ता खालिद खान ने बताया कि वर्ष 2006 में हुए नोएडा के निठारी कांड के उपरोक्त मामले में नंदलाल गवाह था। पहले उसने अदालत में बयान दिया था कि मोनिंदर सिंह पंधेर ने उसकी मौजूदगी में हत्या में प्रयुक्त आरी बरामद कराई थी, लेकिन बाद में वह इस बयान से पलट गया था। दूसरी बार बयान देते हुए उसने कहा था कि मेरे सामने किसी ने कोई आरी बरामद नहीं कराई है।

तत्कालीन सीबीआइ न्यायाधीश रमा जैन ने मामले का संज्ञान लेकर वर्ष 2007 में उसके खिलाफ परिवाद दर्ज कराया था। मामले की सुनवाई गाजियाबाद की उपरोक्त अदालत में चल रही थी। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए उक्त मामले में तीन माह में फैसला सुनाने के आदेश दिए थे।

वहीं, अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट-3 की अदालत के डिस्चार्ज अर्जी खारिज करने के आदेश के विरोध में नंदलाल ने जिला जज की अदालत में रिवीजन अर्जी दायर की थी। सुनवाई के बाद जिला जज की अदालत ने उसे खारिज कर दिया था। इसके बाद दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने गत 27 मई को नंदलाल दोषी करार दिया था।

अधिवक्ता ने बताया कि नंदलाल के बयान से मुकरने के कारण ही निठारी कांड के उपरोक्त व अंतिम मामले में मोनिंदर सिंह पंधेर को कम सजा हुई।

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