सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि निजी मेडिकल कॉलेजों में प्रवासी भारतीयों (एनआरआइ) का कोटा अनिवार्य नहीं है। हालांकि, इसे लागू नहीं करने वाले संस्थानों को उम्मीदवारों को उचित नोटिस देना होगा। जस्टिस एल नागेश्वर राव और एस रवींद्र भट्ट की पीठ ने कहा, यह स्पष्ट है कि किसी विशेष वर्ष में एनआरआइ कोटा न तो अनिवार्य है और न ही इसे रखना जरूरी है।
हालांकि, यदि कोई मेडिकल कॉलेज या संस्थान या राज्य विनियमन प्राधिकरण इसे लागू नहीं करना चाहता है, तो उसे इच्छुक उम्मीदवारों को उचित नोटिस देना होगा, ताकि वह कहीं अन्यत्र जा सके। शीर्ष अदालत ने कहा कि निजी मेडिकल कॉलेज कुछ फीसद सीटें अपनी इच्छा के अनुसार नामांकन के लिए रख सकते हैं। लेकिन, एनआरआइ अभ्यर्थी नामांकन के लिए कॉलेज पर दबाव नहीं डाल सकते।
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