निकिता मर्डर केस में पुलिस की जांच के दौरान एक और खुलासा हुआ है। निकिता की हत्या को अंजाम देने के बाद फरार हुए आरोपियों तौसीफ व उसके साथी रेहान ने पुलिस को चकमा देने के लिए अपना हुलिया भी बदल दिया था। इसके लिए पहचान का नाई बुलाकर सिर के बाल कटवाए थे। आपको बता दें कि छात्रा निकिता की हत्या की जांच को लेकर एसआईटी शनिवार दोपहर करीब ढाई बजे निकिता के घर पहुंची। करीब एक घंटे तक परिवार के सदस्यों से हत्याकांड को लेकर जानकारी जुटाई। उधर, निकिता हत्याकांड के विरोध में शनिवार को बल्लभगढ़ के बाजार में विरोध मार्च निकाला गया।
दरअसल, तौसीफ के सिर के बाल काफी लम्बे थे। इसके चलते शुरुआत में दोनों ने अपने एक रिश्तेदार के निर्माणाधीन मकान में शरण लेकर अपना हुलिया बदला था। सीसीटीवी फुटेज को देख निकिता के भाई ने उसे पहचान लिया था, इसलिए हुलिया बदलने के बावजूद उसे पुलिस ने धर दबोचा।
परिजनों ने बताया कि करीब एक घंटे तक चली बातचीत के दौरान पुलिस ने सभी बिंदुओं पर बारीकी से चर्चा की। इस दौरान वर्ष 2018 में हुए अपहरण से लेकर हत्याकांड तक का पूरा ब्योरा जुटाया। निकिता के पिता मूलचंद, भाई नवीन तथा मामा एदल सिंह रावत एडवोकेट ने कहा कि एसआईटी की टीम ने उसने घटना से संबंधित सभी एंगल से जानकारी जुटाई। वे टीम की कार्रवाई से पूरी तरह संतुष्ट हैं। टीम में चार सदस्य थे। इनमें पुलिस के दो अधिकारी मौजूद थे।
उन्होंने एक-एक पहलू पर गौर करते हुए कागजों पर अंकित किए। अब उन्हें उम्मीद है कि कुछ न कुछ परिणाम जल्द ही निकल जाएगा। उधर, शनिवार को बल्लभगढ़ के बाजार में विरोध मार्च निकाला गया। प्रदर्शनकारी हत्यारों को फांसी देने की मांग कर रहे थे। विरोध मार्च पूर्व संसदीय सचिव शारदा राठौर के नेतृत्व में निकाला गया।
पुलिस अधिकारी की भूमिका की जांच को लिखा पत्र :
सुप्रीम कोर्ट के वकील राजीव यादव ने शनिवार को पुलिस आयुक्त ओपी सिंह को चिट्ठी लिखकर मांग की है कि इस मामले में तौसीफ के रिश्तेदार पुलिस अधिकारी की भूमिका की भी जांच होनी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि साल 2018 में तौसीफ के निकिता का अपहरण करने के मुकदमे में निकिता के परिवार पर इसी अधिकारी ने समझौते का दबाव बनाया था।
निकिता के पापा विजय तौमर हुए भावुक
पढ़ाई सहित अन्य गतिविधियों में निकिता द्वारा जीते जाने वाले शील्ड में मेडल को दिखाते हुए निकिता के पापा मूलचंद वह मां विजय तोमर भावुक हो गए। उन्होंने बताया कि उनकी बेटी की प्रारंभिक शिक्षा रावल इंटरनेशनल स्कूल में हुई जहां उसने हमेशा ही अव्वल स्थान पाया और वह अन्य प्रकार की गतिविधियों में भी आवर रहती थी यही मेडल उसी का नतीजा है जब वे मेडल जीत कर लाती थी तो बेहद खुश होती थी और कहती थी पापा मम्मी आपका संजोया हुआ सपना वह एक ना एक दिन देश का भला अधिकारी बनकर पूरा करें कमरे में लगी शील्ड को दिखाते हुए पिता मूलचंद बोलते हैं कि उन्होंने हमेशा ही अपनी बेटी में एक वरिष्ठ अधिकारी का चेहरा देखा था।
उन्होंने कभी सपने में नहीं सोचा था उनकी बेटी की इस तरीके से हत्या कर दी जाएगी इतना ही नहीं उन्होंने बताया की बेटी की काबिलियत को देखकर उन्होंने उसकी शादी की चिंता भी छोड़ देती कि वह जिस दिन बड़ी अधिकारी बनेगी उसके बाद ही उसके विवाह के बारे में सोचेंगे लेकिन अब यह सब मात्र सपना बनकर रह गया है