यूपी में अगले साल होने वाले पंचायत चुनाव के पहले सपा अलर्ट मोड पर आ गई है। सपा चुनाव को लेकर होने वाले आरक्षण परिसीमन पर विशेष निगाह रखेगी।
सपा पंचायत चुनाव के लिए खास तैयारियां कर रही है। पार्टी नेताओं का कहना है कि आरक्षण और परिसीमन के डाटा पर भी नजर रखी जा रही है, ताकि सत्ताधारी दल कोई गड़बड़ न कर सके। इसके लिए हर जिले में पदाधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है। वहीं, प्रदेश मुख्यालय स्तर पर भी कुछ वरिष्ठ नेताओं को इस काम में लगाया गया है। ताकि, कहीं से कोई गड़बड़ की जानकारी मिलने पर उसे तत्काल चुनाव आयोग तक पहुंचाया जा सके।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पहले ही कह चुके हैं कि भाजपा के पास डाटा और तकनीक है। वे आईटी प्रोफेशनल्स की मदद ले रहे हैं। ऐसे में इससे इन्कार नहीं किया जा सकता कि सत्ताधारी दल डाटा का अपने मनमुताबिक इस्तेमाल करने की कोशिश करेगा। सूत्रों के मुताबिक, सत्ताधारी पार्टी परिसीमन में ग्राम पंचायतों का जातीय आंकड़ा प्रभावित करने की कोशिश करेगी। ताकि, वहां पीडीए के सपा के गुणा-भाग पर विपरीत असर डाला जा सके।
सपा इस पर भी नजर रखेगी कि न सिर्फ आरक्षण का पालन हो, बल्कि इसमें किसी तरह का खेल भी न हो सके। इसके लिए सपा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित भी किया जा रहा है, जिससे वे अपने ग्राम, क्षेत्र व जिलास्तर पर अधिकारियों के सामने अपना पक्ष मजबूती से कर सकें। सपा नेतृत्व का कहना है कि अगर कहीं कोई गड़बड़ी होती हुई दिखी तो चुनाव आयोग से लेकर कोर्ट तक का विकल्प अपनाया जाएगा।