शहर के वार्ड नंबर 25 में एक युवक को कुछ लोगों ने जिंदा जला डाला। उसका कसूर सिर्फ इतना था कि जिन आरोपितों ने उसे जिंदा जलाया वह उनकी बेटी का देवर था। मृतक के बड़े भाई के यहां हाल ही में बेटा पैदा हुआ था, जिसकी खुशी मृतक अपने आस-पड़ोस में मना रहा था। उसके भाई के ससुरालियों को यह बात मंजूर नहीं थी।
जसप्रीत सिंह (16) पुत्र सूरत सिंह के बड़े भाई कुलविंदर सिंह ने करीब दो साल पहले अपने ही पड़ोस में रहने वाली लडकी से प्रेम विवाह किया था। इसके कारण विवाह को लेकर लड़की के माता-पिता इस परिवार को परेशान करता था। उक्त विवाहित दम्पति कलेश के डर से उसी समय से बुढलाडा रहने लगे थे। पिछले दिन उनके घर एक बेटे ने जन्म लिया। जसप्रीत मोहल्ले में खुशी मनाते हुए यह कहता रहा कि उसके भाई-भाभी अब घर वापस लौट आएंगे।
जसप्रीत के साथ उसके भाई के ससुराल घर के ताया चाचा के लड़कों ने दोस्ती बनाए रखी। रंजिश के चलते शनिवार की रात वही जसप्रीत कोे उसके घर से अपने साथ ले गए तथा रातभर उसे खुशी के बहाने शराब पिलाते रहे। सुबह होते ही निकट के पीरखाने के समक्ष व बागवाला एरिया के पीछे खाली प्लाट में उसके हाथ पैर बांध दिए और पेट्रोल छिड़ककर आग लगा दी। जसप्रीत वहींं तड़पता रहा और उसकी मौत हो गई। आसपास किसी को पता नहीं लगा।
रविवार दोपहर जैसे ही किसी ने जसप्रीत की लाश देखी तो सिटी वन की पुलिस को सूचित किया। मामले को लेकर थाना शहरी-1 मानसा प्रभारी सुखजीत सिंह की अगुवाई में पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर जांच की व जसप्रीत का शव बरामद किया।
पुलिस ने जसप्रीत के पिता सूरत सिंह के बयानों के आधार पर जशन सिंह पुत्र तरसेम सिंह उर्फ घेसी, गुरजीत सिंह उर्फ झाऊं पुत्र अमरीक सिंह व राजू सिंह पुत्र तरसेम सिंह सेमी विरुद्ध धारा 302 के तहत मामला दर्ज कर लिया। शव पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया गया है। लडकी के दो भाइयों समेत कई लोगों को हिरासत में ले लिया गया है।