नई दिल्ली: भारतीय सेना ने एक मेजर जनरल-रैंक के अधिकारी के तहत नागालैंड में हुई आम लोगों की हत्याओं की जांच के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी की स्थापना की है. सेना के सूत्रों ने जानकारी दी है कि अधिकारी सिर्फ पूर्वोत्तर सेक्टर में तैनात है. सूत्रों ने बताया है कि दीमापुर स्थित इंडियन आर्मी की 3 कोर ने नागालैंड गोलीबारी की घटना को लेकर एक मेजर जनरल रैंक के अधिकारी के नेतृत्व में आंतरिक जांच शुरू कर दी है.
उल्लेखनीय है कि नागालैंड के मोन जिले में 4 दिसंबर को सेना की फायरिंग में कम से कम 14 नागरिकों की मौत हो गई थी. यही नहीं, इस घटना के बाद हुई हिंसा में एक सैन्यकर्मी की भी जान गई और कई जवान जख्मी हो गए. अधिकारियों ने कहा कि NSCN (K-YA) कैडरों की आवाजाही के संबंध में विशेष खुफिया इनपुट के आधार पर असम से पैरा स्पेशल फोर्स को अभियान के लिए लाया गया था.
एक अधिकारी के अनुसार, ‘सेना ने गलत लोगों को निशाना बनाया. सेना को संदेह था कि वाहन में आतंकवादियों का समूह है. इसलिए उन्होंने नागरिकों पर फायरिंग कर दीं.’ इसके बाद ग्रामीणों ने इकट्ठा होकर जवानों से राइफलें और रेडियो सेट छीन लिए और गुस्से में सैनिकों पर चाकू से हमला कर दिया. इन झड़पों में आठ और नागरिकों की जान चली गई. बता दें कि सीएम नेफ्यू रियो आज मोन जिले के ओटिंग (Oting) में सैन्य कार्रवाई में मारे गए नागरिकों के अंतिम संस्कार में शामिल हुए.