अदाणी समूह के साथ चीन के कथित संबंधों के बीच खबरों के केंद्र में रहे मॉरिस चांग ने आखिरकार अपनी चुप्पी तोड़ दी है। नागरिकता को लेकर चल रहे विवाद के बीच चांग ने कहा है कि मैं ताइवान का नागरिक हूं।
अदाणी समूह के साथ चीन के कथित संबंधों के बीच खबरों के केंद्र में रहे मॉरिस चांग ने आखिरकार अपनी चुप्पी तोड़ दी है।
नागरिकता को लेकर चल रहे विवाद के बीच चांग ने कहा है कि मैं ताइवान का नागरिक हूं। बता दें कि चांग पीएमसी प्रोजेक्ट्स (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक हैं। यह कंपनी अदाणी समूह के लिए बंदरगाह, टर्मिनल, रेल लाइन, बिजली पारेषण लाइन और अन्य बुनियादी ढांचे का निर्माण करती है।
चांग का पासपोर्ट था विवाद का मुद्दा
दरअसल, विवाद का केंद्र चांग का पासपोर्ट था। पासपोर्ट के कारण उन्हें चीनी नागरिक कहा जा रहा था और इस तरह अदाणी समूह को चीन से जोड़ा गया। उन्होंने ईमेल से भेजे सवालों के जवाब में कहा कि मैं ताइवान का नागरिक हूं। मेरा पासपोर्ट दिखाता है कि मैं ’रिपब्लिक ऑफ चाइना’ का नागरिक हूं, जिसे अब आधिकारिक तौर पर ताइवान के नाम से जाना जाता है। यह चीन से अलग है, जिसे आधिकारिक तौर पर पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइनाश कहा जाता है।
कांग्रेस ने लगाया था आरोप
विपक्षी दल कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार पर चांग की कथित चीनी पहचान को लेकर निशाना साधा था। कांग्रेस ने पूछा था कि अडाणी को चीन के साथ कथित संबंधों के बावजूद भारत में बंदरगाहों का संचालन करने की अनुमति क्यों दी गई और सुरक्षा चिंताओं पर ध्यान क्यों नहीं दिया गया।
PMC पर भी लगाए गए आरोप
PMC पर अडाणी समूह की कंपनियों के लिए आयातित उपकरणों की कीमत बढ़ाकर दिखाने का आरोप लगाया गया है। चांग ने कहा कि मैं ताइवान में अच्छी तरह से स्थापित उद्योगपति हूं। वैश्विक व्यापार, पोत परिवहन, इंफ्रा प्रोजेक्ट, जहाज तोड़ने जैसे क्षेत्रों में मेरे व्यावसायिक हित हैं।
चांग ने कहा कि जहां तक अडाणी समूह का संबंध है, मामला न्यायालय के अधीन है। ऐसे में इस पर कुछ भी कहना ठीक नहीं है। चांग ने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि मेरी राष्ट्रीयता पर सवाल उठाया जा रहा है और इसे राजनीतिक मुद्दा बनाया जा रहा है। मैं आपको पहले ही अपनी नागरिकता के बारे में सब कुछ बता चुका हूं। मेरा राजनीति से कोई रिश्ता नाता नहीं है।