हल्द्वानी, [जेएनएन]: देश में नोटबंदी के बाद कालाधन धीरे धीरे बाहर आ रहा है। बंद हो चुके नोटों को कोई इसे जला रहा है तो कोई इसे नदी में बहा रहा है। ऐसा कही एक मामला सोमवार सुबह हल्द्वानी के कालाढूंगी क्षेत्र में भी सामने आया है। यहां नहर में एक हजार और पांच सौ रुपये के कई पुराने नोट बहते मिले। इन्हें लेने के लिए लोग नहर में उतर आए।
काठगोदाम से लामचोड़ जाने वाली नहर में आज सुबह से 500 और 1000 के पुराने नोट बहकर आने लगे। इससे लोगों में हड़कंप मच गया। करीब दो किमी के दायरे में सेकड़ों लोग नहर में उतरकर नोट ढूढ़ने लगे। वहीं कई लोगों को 500 से लेकर दो लाख तक के 500 और 1000 के नोट मिले हैं।
काठघरिया चोराहे से लेकर चौपला तक लोगों की भीड़ जुटी रही। इनसे जाम भी लग गया। एलआइयू, पुलिस और स्पेशल ब्रांच भी मौके पर पहुंच गई। नोटों के मिलने का सिलसिला जारी है।
करीब छह बजे काठघरिया चौराहे पर रहने वाले कुछ मजदूरों ने नोट बहकर आते देखा। मजदूर परिवार के साथ नहर में घुस गए।
कुछ ही देर में पूरे इलाके में नोट बहकर आने की खबर उड़ गई। चौपला से लेकर काठघरिया तक लोग नहर मे घुसकर नोट ढूढ़ने लगे। इससे प्रशासन में भी हड़कंप मच गया। पुलिस के साथ ही खुफिया एजेंसियां भी मौके पर पहुंच गई। कई लोगों को नोट मिलते गए तो नहर में घुसने वाले भी बढ़ते चले गए। नोट किसने और कहां डाले अभी तक पता नहीं चल पाया है।
हरिद्वार में जंगल में मजदूरों को मिले 4.58 लाख के पुराने नोट
राजाजी नेशनल पार्क की सीमा से सटे एआरटीओ कार्यालय के पीछे मजदूरों को झाड़ियों में चार लाख 58 हजार पांच सौ रुपये के पुराने नोट मिले हैं। सभी नोट पांच सौ और एक हजार रुपये के हैं। बस्ती में लौटकर बंटवारे के वक्त पुलिस ने ये नोट बरामद कर जब्त किये। इस सिलसिले में सिडकुल थाना पुलिस नौ महिलाओं समेत दस मजदूरों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। एसएसपी राजीव स्वरूप ने बताया कि आयकर विभाग का सूचित कर दिया गया है। मामले की जांच शुरू कर दी गई है।
नोटों की वजह से बची युवती की जान
हल्द्वानी में नोटों के नहर में बहकर आने से एक युवती की जान बच गई। आज सुबह करीब 10 बजे चौपला एक पास अपनी मां को छोड़ने जा रही दमुवडूंगा की युवती किसी कार से टकराकर स्कूटी समेत नहर में गिर गई, जबकि उसकी मां सड़क की ओर गिरी। युवती को गिरते देख लोगों में हड़कंप मच गया। करीब 100 मीटर बहने के बाद मजदूरों ने युवती और स्कूटी को निकाल लिया। युवती को शिक्षक मनोज पांडेय के परिवार ने घर मे शरण दी है। मनोज की बेटी ने युवती को अपने कपड़े दिए है। युवती का परिवार दमुवाढुंगा में रहता है, जबकि लोहारिया साल में उसका मकान बन रहा है। जिस समय हादसा हुआ मां-बेटी अपने निर्माणाधीन घर को जा रहे थे।