मुंबई: महाराष्ट्र में राज्य के अल्पसंख्यक और कौशल्य विकास मंत्री नवाब मलिक ने अब तक NCB के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेडे के खिलाफ आरोप-प्रत्यारोप लगाने का दौर जारी रखा है। वह अब भी एक के बाद एक चौकाने वाले खुलासे कर रहे हैं। बीते बुधवार के दिन नवाब मलिक ने बॉम्बे हाई कोर्ट को अतिरिक्त दस्तावेज सौंपे। जी दरअसल उन्होंने यह आरोप लगाया है कि NCB के क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े के स्कूल प्रवेश फॉर्म और प्राथमिक स्कूल सर्टिफिकेस के अनुसार वह मुस्लिम समुदाय से ताल्लुक रखते हैं।
आप सभी को बता दें कि बीते दिनों समीर के पिता ज्ञानदेव वानखेड़े ने मंत्री नवाब मलिक के खिलाफ मानहानि का केस दायर किया था, उसमे मलिक के आरोपों के लिए 1।25 करोड़ रुपए के हर्जाने की मांग की थी। वहीं उस दौरान वानखेड़े ने कोर्ट से अपील की थी कि मलिक को उनके या उनके परिवार के खिलाफ मानहानि कारक आरोप’ लगाने से रोक लगाए। आप सभी को हम यह भी बता दें कि मंत्री नवाब मलिक ने दावा किया है कि समीर वानखेड़े के पिता ज्ञानदेव वानखेड़े ने एक मुस्लिम से शादी करने के लिए इस्लाम धर्म को अपना लिया था और समीर सहित उनके बच्चों को मुस्लिम के रूप में पाल पोष के बढ़ा गया है। केवल यही नहीं बल्कि इस दौरान मलिक ने कहा था सिविल सेवा परीक्षा में लाभ लेने के लिए समीर अपने पिता के महार समुदाय में वापस आ गया, जोकि एक अनुसूचित जाति है।
आप सभी जानते ही होंगे कि ऐसे में उन्होंने कोर्ट ने अपने आरोपों का समर्थन करने के लिए समीर वानखेड़े का बर्थ-सर्टिफिकेट दिखाया है, जिसमें उनके पिता का नाम दाऊद वानखेड़े और धर्म वाले कॉलम में मुस्लिम लिखा था। दूसरी तरफ समीर वानखेड़े के परिवार का कहना है कि ये बर्थ-सर्टिफिकेट प्रामाणिक नहीं था, लेकिन मलिक के एडवोकेट ने परिवार को समीर वानखेड़े का मूल बर्थ-सर्टिफिकेट प्रस्तुत करने के लिए कहकर हाई कोर्ट में तर्क दिया है।