नवंबर माह में कब-कब मनाई जाएगी एकादशी?

एकादशी के दिन भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा होती है। ऐसा माना जाता है कि जो भक्त इस दिन सख्त व्रत का पालन करते हैं और विधि अनुसार पूजा-अर्चना करते हैं उन्हें सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है। वैदिक पंचांग के अनुसार इस साल नवंबर महीने में कब-कब एकादशी (November Ekadashi 2024 Date) मनाई जाएगी? तो आइए इसकी तिथि एवं संपूर्ण जानकारी को जानते हैं।

सनातन धर्म में सभी एकादशी का अपना एक विशेष महत्व है। यह तिथि बहुत ही शुभ और महत्वपूर्ण होती है। इस दिन भगवान विष्णु (Vishnu ji) की पूजा का विधान है। ऐसा कहा जाता है कि जो साधक इस दौरान कठिन व्रत का पालन करते, उन्हें दोगुना पुण्य फल की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही जीवन में सुख-समृद्धि आती है। वहीं, नवंबर माह में एकादशी (Ekadashi 2024 Date) कब-कब मनाई जाएगी? तो आइए उनसे जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों और तिथि को जानते हैं।

देवउठनी एकादशी 2024 तिथि और समय (Dev Uthani Ekadashi 2024 Ka Shubh Muhurat)
वैदिक पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 11 नवंबर को संध्याकाल 06 बजकर 46 मिनट पर होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 12 नवंबर को संध्याकाल 04 बजकर 04 मिनट पर होगा। ऐसे में पंचांग को देखते हुए 12 नवंबर को देवउठनी एकादशी (Dev Uthani Ekadashi 2024 Time)मनाई जाएगी। वहीं, इस तिथि पर भगवान विष्णु योग निद्रा से भी जागेंगे। इसके साथ ही इस शुभ अवसर पर तुलसी विवाह का पर्व भी मनाया जाएगा।

देवउठनी एकादशी व्रत का (Dev Uthani Ekadashi 2024 Parana Time) पारण समय – इसका पारण 12 नवंबर को सुबह 06 बजकर 42 मिनट से लेकर 08 बजकर 51 मिनट के बीच होगा।

उत्पन्ना एकादशी डेट और शुभ मुहूर्त (Utpanna Ekadashi 2024 Ka Shubh Muhurat)
हिंदू पचांग के अनुसार, नवंबर माह की एकादशी तिथि की शुरुआत 26 नवंबर को रात्रि 01 बजकर 01 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 27 नवंबर को भोर में 03 बजकर 47 मिनट पर होगा। पंचांग के आधार पर 26 नवंबर को उत्पन्ना एकादशी का व्रत रखा जाएगा । वहीं, एकादशी व्रत का पारण (Utpanna Ekadashi 2024 Parana Time) 27 नवंबर को किया जाएगा।

एकादशी पूजा विधि (Ekadashi 2024 Ki Puja Vidhi)
पूजा अनुष्ठान शुरू करने से पूर्व सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।
एक वेदी पर श्री हरि विष्णु की प्रतिमा और देवी लक्ष्मी की प्रतिमा श्रीयंत्र के साथ स्थापित करें।
पंचामृत और गंगाजल से उनका अभिषेक करें।
उन्हें पीले वस्त्र अर्पित करें।
गोपी चंदन व कुमकुम का तिलक लगाएं।
दीपक जलाएं और उन्हें फूल-माला आदि अर्पित करें।
पांच मौसमी फल, सूखे मेवे, पंजीरी-पंचामृत और मिठाई का भोग लगाएं।
भोग में तुलसी पत्र अवश्य शामिल करें।
श्री हरि के वैदिक मंत्रों का जाप और विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।
आरती से पूजा का समापन करें।

श्री हरि पूजन मंत्र (Ekadashi 2024 Pujan Mantra)
ॐ नमो नारायण। श्री मन नारायण नारायण हरि हरि।
श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे। हे नाथ नारायण वासुदेवाय।।
ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।

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