पिछले दस सालों से सैकड़ों कीटनाशकों और रासायनिक खादों के सेंपल फेल होने के बावजूद विक्रेताओं पर कार्रवाई न करने वाले अधिकारियों को पंजाब किसान आयोग ने तलब कर लिया। किसी के पास इस बात का जवाब नहीं था कि उन्होंने अपने अधीनस्थ अधिकारियों पर कार्रवाई क्यों नहीं की। आयोग को विधायी शक्तियां मिलने के बाद उसने यह सख्ती दिखाई है।
विधायी शक्तियां मिलने के बाद पंजाब किसान आयोग ने दिखाई सख्ती
आयोग ने तीनों जिलों के मुख्य कृषि अधिकारियों को 5 जुलाई तक सारी तैयारी करके पेश होने को कहा है। आयोग के चेयरमैन अजयवीर जाखड़ ने सभी संबंधित अधिकारियों को चार्जशीट करके आयोग को रिपोर्ट देने को कहा है। चेयरमैन ने बठिंडा, मोगा व संगरूर जिलों के चीफ एग्रीकल्चर अफसरों को तलब करते हुए जवाब मांगा है।
अायोग पहले ही इस बात की तैयारी के साथ आया था कि दस सालों में इन तीनों जिलों में कितने कितने विक्रेताओं के खिलाफ नकली कीटनाशक दवाएं और रासायनिक खादें पकड़ी गई हैं। ये सेंपल फेल होने के बावजूद अधिकारियों ने विक्रेताओं के खिलाफ न तो कोई कार्रवाई की और न ही उनके खिलाफ कोर्ट में दाखिल करवाए गए केसों में किसी को सजा दिलाई गई। बठिंडा, मोगा व संगरूर के अलावा मानसा जिले के चीफ एग्रीकल्चर अधिकारी को भी तलब किया गया था, लेकिन उन्होंने छुट्टी भेज दी।