मौर्य ने कहा, सरकार बेहतर प्रशासन के लिए ब्लॉक-तहसीलों से लेकर नगरपालिकाओं और निगमों का पुनर्गठन कर रही है। जनसंख्या और क्षेत्रफल के लिहाज से पूर्वांचल के आजमगढ़ और जौनपुर के साथ-साथ आगरा, लखीमपुर खीरी, बिजनौर, सहारनपुर और झांसी में नए जिलों के गठन पर उन्होंने सहमति जताई। प्रदेश में मौजूदा 75 जिलों की संख्या बढ़ सकती है। बड़े जिलों का पुनर्गठन कर उनमें नए जिले बनाए जा सकते हैं। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने यह संकेत दिया। उन्होंने कहा कि इस पर विचार हो रहा है। हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि इसके लिए निर्धारित प्रक्रियाओं का पालन कर फैसला कैबिनेट में ही लिया जाएगा।
माना कि लोगों को घर-गांव के नजदीक सुविधाएं मिलने से सुशासन का अहसास तो होगा ही, प्रशासनिक तंत्र को भी नियोजन-क्रियान्वयन में आसानी होगी। अपने विभाग के कामकाज पर खुद के आकलन के बारे में बोले, देश में सड़कों की नवीनतम तकनीक का इस्तेमाल करने वाला उत्तर प्रदेश पहला राज्य है।
इस तकनीक के प्रयोग से नई सड़क बनाने और मरम्मत में 20 प्रतिशत की कमी आई है। सड़कों की उम्र बढ़ गई है। सड़कों के मामले में गुणवत्ता को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। 2001 की जनगणना के आधार पर ढाई सौ की आबादी वाले डेढ़ हजार गांवों को सड़कों से जोड़ दिया गया है।
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2011 की जनगणना के मुताबिक स्वीकृतियां जारी होने लगी हैं। प्रमुख मार्गों के पांच किलोमीटर नजदीक तक सड़कें बन रही हैं। यही नहीं, बोर्ड परीक्षाओं के मेधावियों के गांवों तक डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम रोड बनाए जा रहे हैं।
डिप्टी सीएम ने कहा कि सपा शासनकाल में वाराणसी में 201 करोड़ से बने वरुणा कॉरिडोर के मामले में उन्हें याद दिलाया गया कि उन्होंने इसमें भ्रष्टाचार की आशंका जताई थी लेकिन सरकार बनने के बाद कुछ नहीं हुआ। उन्होंने कहा, हम विकास के विरोधी नहीं हैं, इसलिए काम आगे बढ़ा रहे हैं। देखेंगे कि जांच क्यों नहीं हुई।
वहीं सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और कैबिनेट मंत्री राजभर के सरकार पर लगातार हमलों के बारे में उप मुख्यमंत्री ने कहा कि वे राज्य सरकार के सहयोगी दल हैं। हम उन्हें गैर नहीं मानते। उनके लिए मौका है कि वह अपनी पार्टी को मजबूत कर लें। भाजपा और सरकार पर अनावश्यक प्रहार कर समय खराब न करें।