संचार क्रांति को बढ़ावा देते हुए सरकार ने एक बड़ा फैसला किया है. सरकार नई दूरसंचार नीति तैयार की जा रही है. इस नीति के तहत हर आदमी को 50 एमबीपीएस की ब्रॉडबैंड सेवा मुहैया कराई जाएगी और टेलीकॉम क्षेत्र में 40 लाख रोजगार के अवसर मुहैया कराए जाएंगे. संचार विभाग ने इस लक्ष्य को 2022 तक पूरा करने का खाका तैयार किया है.
सरकार ने राष्ट्रीय डिजिटल संचार नीति-2018 नाम से नई दूरसंचार नीति का मसौदा जारी किया, जिसमें 2022 तक क्षेत्र में 40 लाख नौकरियों के सृजन का लक्ष्य रखा गया है. नई दूरसंचार नीति के मसौदे में देश के प्रत्येक नागरिक को 50 एमबीपीएस ब्रॉडबैंड सेवा उपलब्ध कराने, क्षेत्र में 100 अरब डॉलर का निवेश आकर्षित करने और 2022 तक 40 लाख नौकरियां देने की मंशा जाहिर की गई है.
नई नीति के मसौदे में हर नागरिक को 50 एमबीपीएस की ब्रॉडबैंड सेवा उपलब्ध कराने के साथ, 2020 तक देश की सभी ग्राम पंचायतों को एक जीबीपीएस और 2022 तक 10 जीबीपीएस ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी उपलब्ध कराने का भी लक्ष्य रखा गया है. मसौदे के अनुसार देश के विकास को नई पीढ़ी की प्रौद्योगिकी के माध्यम से गति देने के लिए क्षेत्र में 2022 तक 100 अरब डॉलर का निवेश आकर्षित किया जायेगा.
मसौदे में ऋण के बोझ से दबे दूरसंचार क्षेत्र को उबारने की भी प्रतिबद्धता जताई गई है. इसके लिए दूरसंचार कंपनियों की लाइसेंस फीस, स्पेक्ट्रम इस्तेमाल शुल्क, सार्वभौमिक सेवादायित्व कोष के शुल्क की समीक्षा की जाएगी, क्योंकि इन सभी शुल्कों के चलते दूरसंचार सेवा की लागत बढ़ती है. नई नीति के मसौदे में क्षेत्र में कारोबार सुगमता पर भी जोर दिया गया है.