विवेक अग्निहोत्री निर्देशित फिल्म ‘द ताशकंद फाइल्स’ बावजूद इतने विरोध के बॉक्स ऑफिस पर अच्छा बिजनेस कर रही है.
विवेक अग्निहोत्री निर्देशित फिल्म ‘द ताशकंद फाइल्स’ बावजूद अच्छे क्रिटिक्स रिस्पॉन्स के बॉक्स ऑफिस पर अच्छा बिजनेस कर रही है. शनिवार को फिल्म के बिजनेस में और ज्यादा उछाल देखने को मिला. फिल्म का बॉक्स ऑफिस पर यह दूसरा हफ्ता है. ट्रेड एनालिस्ट तरण आदर्श ने फिल्म की कमाई के आंकड़े जारी किए हैं. फिल्म का अब तक का कुल बिजनेस 4 करोड़ 75 लाख रुपये हो चुका है.
तरण आदर्श द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक फिल्म ने दूसरे हफ्ते के पहले शुक्रवार को 50 लाख रुपये का बिजनेस किया और शनिवार को 75 लाख रुपये की कमाई की. तरण ने लिखा, “फिल्म मजबूत और ज्यादा मजबूत होती जा रही है. लिमिटेड सेंटर्स पर लिमिटेड स्क्रीन्स पर लिमिटेड शोज चलने के बावजूद फिल्म की कमाई के आंकड़े बढ़ते चले जा रहे हैं.
क्या है फिल्म की स्टार कास्ट?
श्वेता प्रसाद बसु, मिथुन चक्रवर्ती, पल्लवी जोशी, नसीरुद्दीन शाह और पंकज त्रिपाठी स्टारर इस फिल्म में देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की मौत के राज को कुरेदने की कोशिश की गई है. द ताशकंद फाइल्स भारत की पहली क्राउड सोर्स्ड फिल्म है यानि इससे जुड़ी जानकारियां लोगों द्वारा ही अलग-अलग प्लेटफॉर्म्स पर जुटाई गई हैं.
विवेक ने फिल्म क्रिटिक्स पर निकाला गुस्सा-
विवेक अग्निहोत्री ने फिल्म का निर्देशन किया है. फिल्म का प्रोडक्शन और स्क्रीनप्ले भी विवेक के ही हाथों में था. कई फिल्म क्रिटिक्स ने जब उनकी फिल्म का रिव्यू तक नहीं लिखा तो विवेक काफी भड़क गए. अपने एक इंटरव्यू में विवेक ने कहा, “‘बहुत से क्रिटिक्स ने तो फिल्म का रिव्यू नहीं किया. कुछ बड़े क्रिटिक्स ने फिल्म रिलीज होने से पहले ही अनाउंस कर दिया था कि मैं ये फिल्म का रिव्यू नहीं करूंगा. इसके अलावा कुछ क्रिटिक्स ने फिल्म को जीरो रिव्यू दिया. आप खुद सोचिए कि अगर कोई क्रिटिक किसी फिल्म को जीरो स्टार दे रहा है तो क्या वो क्रिटिक है?’
आम आदमी सच्चाई जानता है-
विवेक ने कहा, “जिन भी लोगों ने ये फिल्म को जीरो या हाफ स्टार रिव्यू दिए हैं उनके रिव्यू पढ़िए सारे रिव्यू विवेक अग्निहोत्री के बारे में है. उन्हें फिल्म को जज करना चाहिए मुझे नहीं. लाल बहादुर शास्त्री की तो थोड़ी इज्जत रखनी चाहिए. लेकिन मेरे लिए फिल्म का रिव्यू ना करना एक आशीर्वाद की तरह भी है. जब क्रिटिक्स ने फिल्म को बुरा कहा तो लोगों को लगा कि कुछ तो गड़बड़ है. इतने सारे लोग फिल्म देख रहे हैं. आम आदमी सच्चाई जानता है.’