नई दिल्ली: जलवायु परिवर्तन के कारण पृथ्वी का तापमान बहुत तेजी से बढ़ रहा है, जिससे ग्लेशियर पिघल रहे हैं और महासागरों का जलस्तर बढ़ने के संकेत मिल रहे हैं। ग्लोबल वॉर्मिंग और जलवायु परिवर्तन को लेकर कई दफा वैज्ञानिक चेतावनी जारी कर चुके हैं। इस संबंध में अमरीकी स्पेस एजेंसी NASA ने भी एक चेतावनी जारी की है।
नासा ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि पृथ्वी 2005 की तुलना में दो गुना अधिक गर्मी प्राप्त कर रही है। नासा का कहना है कि पृथ्वी 2005 की तुलना में दोगुनी गर्मी का सामना कर रही है। NASA ने कहा है कि गर्मी में ‘अप्रत्याशित’ वृद्धि हुई है। नासा और नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 2005 से 2019 के बीच ऊर्जा असंतुलन दोगुना हो गया। रिपोर्ट में इस वृद्धि को ‘चिंताजनक’ कहा जा रहा है। नासा ने एक बयान में कहा कि ऊर्जा असंतुलन बढऩे का मतलब है कि पृथ्वी पर ऊर्जा बढ़ रही है और इसके कारण पृथ्वी गर्म हो रही है।
सैटेलाइट और समुद्रों के डेटा के आधार पर वैज्ञानिकों का कहना है कि ऊर्जा असंतुलन बढ़ रहा है। इस आंकड़े में पृथ्वी पर आने वाली ऊर्जा और यहां से निकलने वाली ऊर्जा पर निगाह रखी जाती है। NASA का यह निगरानी उपकरण पूरे विश्व में है और हम ठीक-ठीक जानते हैं कि दुनिया के महासागर कितनी तेजी से गर्म हो रहे हैं। वैज्ञानिकों ने कहा है कि पृथ्वी की 90 फीसद ऊर्जा समुद्र में जाती है, इसलिए सैटेलाइट सेंसर से प्राप्त डेटा समुद्र के तापमान का सटीक आंकड़ा देता है। नासा ने कहा कि डेटा में परिवर्तन बड़ी चिंता का विषय है।