देहरादून गोलीकांड को लेकर लोगों में भारी आक्रोश है और यह गुस्सा अब सड़कों पर नजर आ रहा है। हत्या के विरोध में आज गुरुवार को दून बंद का आह्वान किया गया था। लोगों ने सुबह रिंग रोड को जाम करते हुए नारेबाजी कर अपना विरोध जताया। कहा कि यहां लोग अब डर के साए में जीने को मजबूर हैं।
चक्काजाम के तहत रिंग रोड 6 नंबर पुलिया के समीप की दुकानों को स्थानीय लोगों ने बंद कराया। वहीं आरोपियों के घर के पास धरने पर बैठे लोगों के अनुसार सुबह इंसाफ की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे लोगों की गिरफ्तारी की गई।
करीब 25 लोगों जिसमें महिला और पुरुष दोनों शामिल थे। धरना दे रहे लोगों का कहना है कि पुलिस ने धक्का मुक्की की, महिलाओं को गिरफ्तार करने के लिए महिला पुलिस नहीं थी। आरोपियों को संरक्षण के आरोप भो पीड़ित पक्ष ने लगाए। डोभालवाला चौक पर बाजार बंद है। कुछ दुकानें खुली हैं बाकी बाजार बंद है।
देहरादून में बढ़ रही आपराधिक घटनाओं को लेकर मूल निवास, भू-कानून समन्वय संघर्ष समिति ने आज 20 जून को देहरादून बंद करने का आह्वान किया था। संघर्ष समिति ने बंद को लेकर राजनीतिक दलों, सामाजिक संगठनों, व्यापारियों, पूर्व सैनिकों, युवाओं और महिलाओं से बंद को सफल बनाने में सहयोग की अपील की थी।
वहीं प्रेस क्लब देहरादून में दिवंगत दीपक उर्फ रवि बडोला की पत्नी और बहन के साथ पत्रकारों से वार्ता करते हुए संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी ने कहा कि मूल निवासियों का अस्तित्व बचाने के लिए सभी को सड़कों पर उतरना होगा।
कहा कि आपराधिक घटनाएं बढ़ रही हैं। लोग खौफ के साये में जीने को मजबूर हैं। उन्होंने सरकार से दिवंगत दीपक बडोला की पत्नी को स्थायी नौकरी, एक करोड़ रुपये मुआवजा, घायलों का मुफ्त इलाज के साथ 20-20 लाख रुपये मुआवजा देने की मांग की है।
गोलीकांड मामले की जांच फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाने की मांग भी की। गोलीकांड में मृतक दीपक की पत्नी उर्वी बडोला ने कहा कि अब उसके सामने अपने छोटे बच्चे के भरण-पोषण की समस्या खड़ी हो गई है। सरकार उन्हें स्थायी नौकरी दे और उनके परिवार को सुरक्षा दें।
मृतक दीपक की बहन दीक्षा ने कहा कि समाज को उनकी मदद के लिए आगे आना चाहिए। यह घटनाएं कल किसी और के साथ भी हो सकती है।