देहरादून, उत्तराखंड के अधिकतर जिलों में मानसून की बारिश का दौर जारी है। पहाड़ी जिले चमोली, रुद्रप्रयाग, पिथौरागढ़ व बागेश्वर के कुछ इलाकों में बुधवार को मध्यम से तेज बारिश हुई। दून में शाम चार बजे के आसपास चकराता रोड, बिंदाल पुल, राजपुर रोड, सुभाष रोड, एफआरआइ आदि क्षेत्र में करीब आधा घंटा मूसलधार बारिश हुई। जिससे दोपहिया वाहन चालकों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। वहीं, रुद्रप्रयाग जनपद में बदरीनाथ हाईवे नरकोटा व सिरोबगड़ में बंद है।
इस दौरान झंडा बाजार में सड़क में पानी भरने से पैदल चलने वाले राहगीरों को दिक्कतें हुई। पलटन बाजार व धामवाला में भी नालियों का पानी सड़कों में बहने से आमजन परेशान दिखे। मसूरी में भी दोपहर के समय कुछ इलाकों में हल्की बारिश हुई।
मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार आने वाले तीन दिन में राज्य के अधिकांश क्षेत्रों में मध्यम से भारी बारिश हो सकती हैं। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने कहा कि देहरादून, नैनीताल, पिथौरागढ़ व बागेश्वर जिले में कहीं-कहीं भारी बारिश का आरेंज अलर्ट जारी किया गया है। अभी मानसून की बारिश का दौर इस सप्ताह जारी रहने की संभावना बनी है।
दो घंटे तक बंद रहा ऋषिकेश-गंगोत्री हाईवे
ऋषिकेश-गंगोत्री हाईवे पर बेमुंडा के पास पहाड़ी से मलबा आने के कारण राजमार्ग करीब दो घंटे तक बंद रहा। वहीं ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे भी शिवपुरी के पास करीब एक घंटे तक बाधित रहा। राजमार्ग बाधित होने से यात्रियों को आवागमन में दिक्कतें हुई। बुधवार सुबह करीब आठ बजे ऋषिकेश-गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग के बेमुंडा में मलबा आने के कारण राजमार्ग बंद हो गया। हाईवे बंद होने से दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग गई। कई छोटे-बड़े वाहन मार्ग पर फंसे रहे। मलबा हटाने के लिए यहां जेसीबी मशीन लगाई गई और करीब दस बजे राजमार्ग सुचारू हो पाया।
बीती मंगलवार को भी हाईवे के सोनी गांव के पास मलबा आने के कारण हाईवे करीब तीन घंटे तक बाधित रहा। पूर्व में भी राजमार्ग कई जगहों पर बाधित होता रहा। वहीं ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे के शिवपुरी के पास मलबा आने से हाईवे सुबह सात बजे बाधित हो गया था। यहां तत्काल जेसीबी मशीन लगाई गई, जिसके बाद करीब आठ बजे हाईवे सुचारू हो पाया। इस दौरान मार्ग के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग गई। वहीं जिले के सात ग्रामीण मोटर मार्ग बंद पड़े हैं। बंद पड़े मार्गों में विनयखाल-गेंवाली, गहड़-पल्यापाटल, गड़, गुलर-नाई-मिडांत गजा-तमियार, कोटी-रौल्यालु-बौंर और गुलर-भगवासेरा शामिल हैं।