साल 1995 में अपनी खुद की कंपनी एबीसीएल यानी अभिताभ बच्चन कॉरपोरेशन लिमिटेड शुरू की थी। इस कंपनी ने 1996 में मिस वर्ल्ड जैसा मेगा इवेंट कराया था, जिसमें विजय माल्या को जज बनाया गया था। यह पहला मौका था जब मिस वर्ल्ड जैसा इवेंट सनसिटी के बाहर किसी देश में हुआ था। मिस वर्ल्ड इवेंट से पहले एबीसीएल ने 15 फिल्में बनाई जिनकी लागत 3 से 8 करोड़ रुपये के बीच थी।
मिस वर्ल्ड से शुरू हुआ दिवालिया होने का सफर
मिस वर्ल्ड के बाद से ही कंपनी के दिवालिया होने का सफर शुरू हो गया था। इस इवेंट से कोई कमाई नहीं हुई, बल्कि बिग बी पर कर्ज का बोझ बढ़ गया था। उनकी कंपनी के खिलाफ कई कानूनी मामले चल रहे थे। यहां तक बैंक ने लोन वसूली के लिए उन्हें ढेरों नोटिस भेजे थे। बिग बी को अपना बंगला ‘प्रतीक्षा’तक गिरवी रखना पड़ा था। एबीसीएल का लक्ष्य था हजार करोड़ की कंपनी बनने का, लेकिन इस बैनर की पहली फिल्म ही बुरी तरह पिट गई और बाद की फिल्में भी कुछ कमाल नही कर पाई।
हालांकि बच्चन ने तब कोर्ट के सामने दलील दी थी कि उन्होंने अपने बंगले को सहारा इंडिया फाइनेंस के पास गिरवी रखा हुआ है ताकि वो एबीसीएल के लिए फंड जुटा सकें। इसके बाद केंद्र सरकार के इंडस्ट्रियल एंड फाइनेंशियल रिकंस्ट्रक्शन बोर्ड ने एबीसीएल को बीमार कंपनी घोषित कर दिया जिस पर 14 मिलियन डॉलर का कर्ज था।
केबीसी, मोहब्बतें ने बचाई थी लाज
अभिताभ बच्चन ने जनवरी 2013 में दिए गए एक इंटरव्यू में कहा था कि, “तब कर्ज से मुक्ति पाने में यश चोपड़ा और केबीसी ने काफी मदद की थी। यश चोपड़ा को अपने दिवालिया होने के बारे में बताया था और कहा कि कोई काम फिलहाल उनके पास नहीं है। उसके बाद यश जी ने मुझे अपनी फिल्म मोहब्बतें में एक रोल ऑफर किया और फिल्म के लिए साइन किया था।”
2000 में स्टार प्लस अपने नए प्रोजेक्ट के लिए अमिताभ बच्चन के पास पहुंचा। तब उन्हें खुद भी यह अंदाजा नहीं था कि यह शो इस कदर पॉपुलर होगा। अमिताभ ने कहा था, “मैं ‘केबीसी’ के कॉन्ट्रिब्यूशन को नजरअंदाज नहीं कर सकता। यह ऐसे वक्त में मेरे पास आया, जब मुझे सबसे ज्यादा जरूरत थी। यह बूस्टर शॉट की तरह था। फिर चाहे पर्सनली हो या प्रोफेशनली, दोनों ही तरीके से ही यह मेरे लिए कैटेलिस्ट बनकर आया। यकीन मानिए, इसने सभी क्रेडिटर्स के पैसे चुकाने में मेरी बहुत मदद की। यह वह ऋण है, जिसे मैं कभी भुला नहीं सकता।”