महिला सुरक्षा की दिशा में पहल करते हुए रेलवे ट्रेनों के अंदर सीसीटीवी कैमरे लगाने और साल 2018 को मानव तस्करी के खिलाफ सामूहिक रूप से लड़ने के लिए समर्पित करने की योजना पर विचार कर रहा है.
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को कहा कि इस योजना पर काम किया जा रहा है और उसे मंत्रिमंडल के सामने पेश किया जाएगा. गोयल ने कहा कि महिला सुरक्षा के मुद्दे से निपटने के लिए हम दो क्षेत्रों में काम करने के बारे में सोच रहे हैं. इनमें ट्रेनों के अंदर वाई-फाई कनेक्टिविटी और सभी रेलवे स्टेशनों तथा ट्रेनों में भी सीसीटीवी कैमरे लगाना शामिल है.
उन्होंने कहा कि हम साल 2018 को महिलाओं और बच्चों पर अत्याचार और विशेष रूप से मानव तस्करी के खिलाफ सामूहिक रूप से लड़ाई के लिए समर्पित करेंगे. गोयल ने कहा कि संपूर्ण नेटवर्क के सुरक्षा गार्ड, स्थानीय पुलिस थाने और जोनल एवं संभागीय मुख्यालयों को फ़ीड भेजी जाएगी. उन्होंने बताया कि रेलवे ने हाल में ही ऐसे 983 रेलवे स्टेशनों की पहचान की है, जहां निर्भया कोष के उपयोग से सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे.
होटलों और हवाई सफर जैसा होगा रेलवे का किराया
इससे पहले रेल मंत्री पीयूष गोयल ने फ्लेक्सी किराये में पूरी तरह से सुधार करने के संकेत दिए. गोयल ने भी इस बात पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि डायनेमिक फेयर का इस्तेमाल सिर्फ किराया बढ़ाने के लिए ही क्यों किया जाता रहा है. गोयल के अनुसार भारतीय रेलवे भी होटलों और विमानन कंपनियों की तर्ज पर टिकट बुकिंग पर छूट देने की तैयारी में है. इसके तहत रेलगाड़ी के पूरा बुक नहीं होने पर रेलवे विमानन कंपनियों और होटल की तरह टिकट में छूट दे सकती है.
गोयल ने कहा कि रेलवे, विमानन कंपनी और होटलों के डायनमिक प्राइसिंग प्रारूप का अध्ययन कर रहा है. उन्होंने कहा कि हम डायनमिक प्राइसिंग नीति पर विचार-विमर्श कर रहे हैं. अभी तक हमारा ध्यान कीमतें न बढ़ें इस पर था, लेकिन मैं इससे आगे जाना चाहता हूं. मैं ऐसी संभावना तलाश रहा हूं कि अगर रेलगाड़ी की सीटें नहीं भरे तो विमानन कंपनियों की तरह किराये में रियायत दी जा सके.