आमतौर पर हर देश में दूसरे देशों के जासूस भरे पड़े रहते हैं, लेकिन वो आम नागरिकों में इस तरह घुलमिल जाते हैं कि उनकी पहचान पाना काफी मुश्किल होता है जो की काफी घातक हो सकते है. हालांकि कभी-कभी वो जासूस उस देश की खुफिया एजेंसियों की पकड़ में आ जाते हैं, जिसके बाद उन्हें या तो मार दिया जाता है या गिरफ्तार कर लिया जाता है. पश्चिमी देशों में तो ऐसा है कि किसी संदिग्ध या दुश्मन देश के जासूस पर हमला करने से पहले एक सॉफ्टवेयर से उसकी पहचान की जाती है. यह सॉफ्टवेयर उस व्यक्ति के नैन-नक्श या उसकी चाल-ढाल से उसकी पहचान करता है. हालांकि यह कभी-कभी गलत भी साबित हो जाता है. इसीलिए अमेरिका की स्पेशल ऑपरेशन कमांड (एसओसी) ने एक नए सिस्टम का उपयोग शुरू किया है, जो 200 मीटर की दूरी से किसी व्यक्ति के दिल की धड़कन से उसकी पहचान कर लेगा कि वो संदिग्ध या जासूस है या नहीं.
प्रतिरक्षा विभाग की एजेंसी कॉम्बेटिंग टेरोरिज्म टेक्निकल सपोर्ट ऑफिस (सीटीटीएसओ) ने इस नए सिस्टम जेटसन को विकसित कर दिया है. इस सॉफ्टवेयर बनाने वाली कंपनी आइडियल इनोवेशंस ने इस सिस्टम को हार्टप्रिंट नाम दिया है. यह संदिग्ध व्यक्ति के कपड़ों पर उसके दिल की धड़कन की हलचल रिकॉर्ड करता है. इसके लिए वो लेजर वाइब्रोमीटर गैजेट का इस्तेमाल करता है. यह लेजर बीम इंसान की छोटी से छोटी हरकत का भी पता लगा सकता है. चूंकि ये लेजर बीम इंफ्रारेड होते हैं, इसलिए इन्हें इंसानी आंखों से देख पाना संभव नहीं है.
हालांकि जब कोई संदिग्ध व्यक्ति दौड़ रहा होता है या किसी चलती गाड़ी पर सवार होता है तो हार्टप्रिंट को उसकी पहचान करने में थोड़ी मुश्किल होती है, लेकिन जब व्यक्ति किसी एक जगह पर शांत खड़ा होता है तो इसका लेजर बीम उसपर 30 सेकेंड तक रहता है, जिससे उसकी पहचान करना आसान हो जाता है.