सोचिए अगर सूर्य न हो तो क्या होगा? पूरी दुनिया ठहर सी जाएगी. क्योंकि उसकी ऊर्जा से ही सबकुछ नियंत्रित होता है. यही वजह है कि वैज्ञानिक लंबे वक्त से अनंत ऊर्जा का स्रोत तलाशने में जुटे हुए हैं. अरबों डॉलर का निवेश किया जा रहा है. इस बीच एक बड़ी कामयाबी हाथ लगी है. ब्रिटेन के वैज्ञानिकों और इंजीनियरों ने न्यूक्लियर फ्यूजन एनर्जी नया रेकॉर्ड बनाया है, माना जा रहा है कि इससे अनंत ऊर्जा निकलेगी, जिससे लाखों घर रोशन किए जा सकें. इसीलिए इसे ‘दूसरा सूर्य’ भी कहा जा रहा है.
सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, ‘ज्वाइंट यूरोपियन टॉरस’ (जेईटी) या टोकामैक नाम की एक बड़ी मशीन का उपयोग करके वैज्ञानिकों ने सिर्फ 0.2 मिलीग्राम ईंधन से पांच सेकंड के लिए 69 मेगाजूल ऊर्जा उत्पन्न की. खास बात, ये ऊर्जा सूर्य की तरह ही नाभिकीय संलयन से पैदा की गई. यह ऊर्जा इतनी थी कि एक साथ 12,000 घरों को रोशन किया जा सकता था. अगर ईंधन की मात्रा बढ़ा दी जाए तो इससे लाखों घर रोशन किए जा सकेंगे. इसी वजह से कुछ लोग इसे सूर्य का नकल भी कह रहे हैं.
कम ईंधन से भारी मात्रा में ऊर्जा
वैज्ञानिकों का दावा है कि परमाणु संलयन बहुत कम ईंधन से भारी मात्रा में ऊर्जा पैदा कर सकता है. यह पूरी दुनिया में बिजली की जरूरत को भी पूरा कर सकता है. साथ ही, इससे वातावरण को गर्म करने वाला कार्बन भी नहीं निकलता. टोकामैक एक ऐसी मशीन है, जिसमें तापमान 150 मिलियन डिग्री सेल्सियस तक रखा जा सकता है. यह सूर्य के केंद्र से लगभग 10 गुना अधिक गर्म माना गया है.
आखिर वैज्ञानिकों ने ऐसा किया कैसे
रिपोर्ट के मुताबिक, वैज्ञानिकों ने हाइड्रोजन के दो रूप ड्यूटेरियम और ट्रिटियम को एक साथ टोकामैक मशीन में डाला. इनसे अत्यधिक गर्मी निकली, जो ड्यूटेरियम और ट्रिटियम को मिलाकर हीलियम बन गया. इस प्रक्रिया में अनंत ऊर्जा निकली. आप सोच रहे होंगे कि इसे कंट्रोल कैसे किया गया? और विस्फोट कैसे नहीं हुआ? तो बता दें कि टोकामैक मशीन में शक्तिशाली चुंबक लगाए गए थे, जिन्होंने प्लाज्मा को थामे रखा और इस ऊर्जा का इस्तेमाल बिजली बनाने के लिए किया. टोकामैक मशीन पर 40 साल से प्रयोग हो रहे हैं, यह उसका आखिरी प्रयोग था. और इसी में उसने नया रिकॉर्ड बना दिया.
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