चीन से निकलने के बाद विश्व में तेजी से पांव पसार चुका कोरोना वायरस अब कहर बनता जा रहा रहा है। दुबई से कोरोना वायरस का एक संदिग्ध शुक्रवार को बस्ती पहुंच गया है।
दुबई में साथी के कोरोना वायरस की चपेट में आने के बाद यह शख्स वहां से भाग निकला। शुक्रवार देर रात जब वह एक निजी अस्पताल में जांच कराने पहुंचा तो डाक्टर्स भाग निकले।
उसको किसी तरह से शनिवार को मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है। उसमें कोरोना पॉजिटिव होने के लक्षण नजर आ रहे हैं। जांच के लिए सेंपल संकलित करने के बाद उसको बस्ती मेडिकल कालेज के आइसोलेशन वार्ड में निगरानी के लिए रखा गया है।
डिप्टी सीएमओ डा. सीएल कन्नौजिया ने बताया कि दुबौलिया ब्लाक के हरिवंशपुर बुजुर्ग गांव का एक युवक दुबई से शुक्रवार की रात में आठ बजे घर पहुंचा था।
गुरुवार को ही दुबई से घर के लिए चला था। दिल्ली एयरपोर्ट से लखनऊ और फिर सड़क मार्ग से घर पहुंच गया। कोरोना वायरस संदिग्ध होने की सूचना पर स्वास्थ्य विभाग की टीम शनिवार की सुबह पहुंची तो वह चुपके से भागकर बस्ती आ गया।
यहां वह मालवीय रोड पर एक निजी अस्पताल में भर्ती हो गया था। टीम ने परिवार के लोगों से जब पूछताछ की तो बताया एयरपोर्ट पर इसकी जांच हुई थी।
परिवार के लोगों ने यह भी बताया जिस जगह पर वह रहते थे वहां एक साथी की मृत्यु हो गई है। इसी डर से वह भाग कर घर आ गए। गांव में ही इस टीम को पता चला वह संदिग्ध मरीज बस्ती में भर्ती है। यह जानकारी वहीं से टीम ने अपर जिलाधिकारी रमेश चंद्र को दी। इसके बाद नर्सिंग होम में पुलिस भेजकर उसको कब्जे में ले लिया गया।
डा.कन्नौजिया ने बताया प्रारंभिक जांच में खांसी,जुकाम व हल्का बुखार के लक्षण पाए गए। संदिग्ध का ब्लड व नाक से नमूना लिया गया। इसे जांच के लिए रविवार को किंग जार्ज मेडिकल विश्वविद्यालय में भेजा जाएगा।
फिलहाल संदिग्ध को महर्षि वशिष्ठ मेडिकल कालेज के आइसोलेशन वार्ड में निगरानी के लिए भर्ती किया गया है। परिजनों को एहतियातन बचाव के तौर-तरीके बता दिए गए हैं। फिलहाल रिपोर्ट मिलने के बाद तय होगी वह कोरोना से पीडि़त है या नहीं।
उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस के अब तक 12 केस पॉजिटिव पाए गए हैं, जिनमें से सात आगरा, दो-दो लखनऊ व गाजियाबाद तथा एक नोएडा का है।
इनमें से दस का उपचार नई दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में और दो का इलाज लखनऊ के केजीएमयू में चल रहा है। नोएडा की एक प्राइवेट कंपनी में कर्मचारी पॉजिटिव पाया गया है, जिसके बाद कंपनी के 707 कर्मचारियों को निगरानी में रखा गया है।