यूपी शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी की हत्या की साजिश रचने के आरोप में रॉ की मदद से दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने डी कंपनी के 5 शूटरों को गिरफ्तार किया था. जिसमें से 2 शूटरों ने पूछताछ में बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने बताया कि वे दुबई में डी गैंग के खास गुर्गे फारुख डेवडीवाला के संपर्क में थे. उसी ने वसीम रिजवी के कत्ल की सुपारी दी थी. दरअसल, 12 मार्च को रॉ के इनपुट पर दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने यूपी के बुलंदशहर से सलीम को गिरफ्तार किया था. जबकि 26 अप्रैल को मुजीर जिलानी को महाराष्ट्र के नासिक से गिरफ्तार किया गया था. पूछताछ में सलीम और मुजीर ने खुलासा किया की वो दुबई में बैठे डी गैंग के गुर्गे फारुख डेवड़ीवाला के संपर्क थे. फारुख ने ही सलीम और मुजीर को यूपी शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी की हत्या करने की सुपारी दी थी. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के एक बड़े अधिकारी ने बताया कि यूपी में सिर्फ शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन ही इनके निशाने पर नहीं थे, बल्कि शिव सेना के एक लोकल लीडर की हत्या की साजिश रची गई थी. और इन हत्याओं का मकसद यूपी में दंगे करवाना था. जिससे मौजूदा सरकार पर कानून व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े हों. दुबई में रची गई नापाक साजिश जांच एजेंसी से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि मार्च में ही रॉ को इनपुट मिला था कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई डी गैंग के दुबई में बैठे 2 गुर्गों और एक पाकिस्तानी की मदद से भारत में सक्रिय स्थानीय अपराधियों को हायर कर रही है. वे किसी बड़ी आतंकी वारदात को अंजाम देने की फिराक में हैं. इंडियन एजेंसी ने इनपुट को डेवलप किया तो पता चला कि दुबई में बैठे डी गैंग के गुर्गे फारुख डेवड़ीवाला, सईद उर्फ सैम और एक पाकिस्तानी नागरिक खैय्याम को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने हिंदुस्तान को दहलाने का जिम्मा दिया है. इंडियन एजेंसी ने दुबई पुलिस को इन तीनों की ख़बर दी. जिसके बाद फारुख, सैम और पाक नागरिक खैय्याम को दुबई में गिरफ्तार कर लिया गया. दुबई में तीनों ने यूपी के शिया बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी समेत लोकल शिव सेना के लीडर को टारगेट कर दंगे भड़काने की साजिश का खुलासा किया. साथ ही भारत में मौजूद और काम को अंजाम देने वाले सहयोगियों के नाम का खुलासा भी किया. रॉ ने इस इनपुट को तुरंत दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल से शेयर किया. जिसके बाद 12 मार्च को सलीम, आरिफ और अबरार को स्पेशल सेल ने गिरफ्तार किया. एक शख्स को हरियाणा से पकड़ा गया, जो इनको हथियारों की सप्लाई करने वाला था. इसके बाद 26 अप्रैल को मुजीर को नासिक से गिरफ्तार किया गया. एनआईए ने भी पंजाब में लगातार आरएसएस के नोताओं की हत्या के मामले में जो चार्जशीट दायर की है, उसमें बताया गया है कि ISI कैसे लोकल क्रिमिनल्स को हायर करके इस तरह की वारदातों को अंजाम तक पहुंचा रही है. अंडरवर्ल्ड और आतंकी संगठन के कई मॉड्यूल का पर्दाफाश करने वाले दिल्ली पुलिस के रिटायर्ड पुलिस अफसर अशोक चांद ने आजतक से बात करते हुए बताया कि आईएसआई ने इससे पहले साल 2001 में बाजपई सरकार के दौरान डी कंपनी के जरिए स्थानीय अपराधियों को हायर कर पत्रकार अनिरुद्ध बहल और तरुण तेजपाल की हत्या की साजिश रची थी. तब अशोक चांद और उनकी टीम ने ही इस केस पर वर्कआउट किया था. दरअसल दोनों पत्रकारों ने उन दिनों बीजेपी के अध्यक्ष बंगारु लक्ष्मण समेत कई नेताओं का स्टिंग ऑपरेशन कर सनसनी फैली दी थी. चांद के मुताबिक आईएसआई एक साजिश के तहत दोनों पत्रकारों की हत्या करवाकर वाजपेयी सरकार को बदनाम करना चाहती थी.

दुबई में बैठे डी कंपनी के गुर्गे ने दी थी वसीम रिजवी के नाम की सुपारी

यूपी शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी की हत्या की साजिश रचने के आरोप में रॉ की मदद से दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने डी कंपनी के 5 शूटरों को गिरफ्तार किया था. जिसमें से 2 शूटरों ने पूछताछ में बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने बताया कि वे दुबई में डी गैंग के खास गुर्गे फारुख डेवडीवाला के संपर्क में थे. उसी ने वसीम रिजवी के कत्ल की सुपारी दी थीयूपी शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी की हत्या की साजिश रचने के आरोप में रॉ की मदद से दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने डी कंपनी के 5 शूटरों को गिरफ्तार किया था. जिसमें से 2 शूटरों ने पूछताछ में बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने बताया कि वे दुबई में डी गैंग के खास गुर्गे फारुख डेवडीवाला के संपर्क में थे. उसी ने वसीम रिजवी के कत्ल की सुपारी दी थी.  दरअसल, 12 मार्च को रॉ के इनपुट पर दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने यूपी के बुलंदशहर से सलीम को गिरफ्तार किया था. जबकि 26 अप्रैल को मुजीर जिलानी को महाराष्ट्र के नासिक से गिरफ्तार किया गया था. पूछताछ में सलीम और मुजीर ने खुलासा किया की वो दुबई में बैठे डी गैंग के गुर्गे फारुख डेवड़ीवाला के संपर्क थे. फारुख ने ही सलीम और मुजीर को यूपी शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी की हत्या करने की सुपारी दी थी.  दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के एक बड़े अधिकारी ने बताया कि यूपी में सिर्फ शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन ही इनके निशाने पर नहीं थे, बल्कि शिव सेना के एक लोकल लीडर की हत्या की साजिश रची गई थी. और इन हत्याओं का मकसद यूपी में दंगे करवाना था. जिससे मौजूदा सरकार पर कानून व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े हों.  दुबई में रची गई नापाक साजिश  जांच एजेंसी से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि मार्च में ही रॉ को इनपुट मिला था कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई डी गैंग के दुबई में बैठे 2 गुर्गों और एक पाकिस्तानी की मदद से भारत में सक्रिय स्थानीय अपराधियों को हायर कर रही है. वे किसी बड़ी आतंकी वारदात को अंजाम देने की फिराक में हैं. इंडियन एजेंसी ने इनपुट को डेवलप किया तो पता चला कि दुबई में बैठे डी गैंग के गुर्गे फारुख डेवड़ीवाला, सईद उर्फ सैम और एक पाकिस्तानी नागरिक खैय्याम को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने हिंदुस्तान को दहलाने का जिम्मा दिया है.  इंडियन एजेंसी ने दुबई पुलिस को इन तीनों की ख़बर दी. जिसके बाद फारुख, सैम और पाक नागरिक खैय्याम को दुबई में गिरफ्तार कर लिया गया. दुबई में तीनों ने यूपी के शिया बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी समेत लोकल शिव सेना के लीडर को टारगेट कर दंगे भड़काने की साजिश का खुलासा किया. साथ ही भारत में मौजूद और काम को अंजाम देने वाले सहयोगियों के नाम का खुलासा भी किया.  रॉ ने इस इनपुट को तुरंत दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल से शेयर किया. जिसके बाद 12 मार्च को सलीम, आरिफ और अबरार को स्पेशल सेल ने गिरफ्तार किया. एक शख्स को हरियाणा से पकड़ा गया, जो इनको हथियारों की सप्लाई करने वाला था. इसके बाद 26 अप्रैल को मुजीर को नासिक से गिरफ्तार किया गया.  एनआईए ने भी पंजाब में लगातार आरएसएस के नोताओं की हत्या के मामले में जो चार्जशीट दायर की है, उसमें बताया गया है कि ISI कैसे लोकल क्रिमिनल्स को हायर करके इस तरह की वारदातों को अंजाम तक पहुंचा रही है.  अंडरवर्ल्ड और आतंकी संगठन के कई मॉड्यूल का पर्दाफाश करने वाले दिल्ली पुलिस के रिटायर्ड पुलिस अफसर अशोक चांद ने आजतक से बात करते हुए बताया कि आईएसआई ने इससे पहले साल 2001 में बाजपई सरकार के दौरान डी कंपनी के जरिए स्थानीय अपराधियों को हायर कर पत्रकार अनिरुद्ध बहल और तरुण तेजपाल की हत्या की साजिश रची थी. तब अशोक चांद और उनकी टीम ने ही इस केस पर वर्कआउट किया था.  दरअसल दोनों पत्रकारों ने उन दिनों बीजेपी के अध्यक्ष बंगारु लक्ष्मण समेत कई नेताओं का स्टिंग ऑपरेशन कर सनसनी फैली दी थी. चांद के मुताबिक आईएसआई एक साजिश के तहत दोनों पत्रकारों की हत्या करवाकर वाजपेयी सरकार को बदनाम करना चाहती थी.

दरअसल, 12 मार्च को रॉ के इनपुट पर दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने यूपी के बुलंदशहर से सलीम को गिरफ्तार किया था. जबकि 26 अप्रैल को मुजीर जिलानी को महाराष्ट्र के नासिक से गिरफ्तार किया गया था. पूछताछ में सलीम और मुजीर ने खुलासा किया की वो दुबई में बैठे डी गैंग के गुर्गे फारुख डेवड़ीवाला के संपर्क थे. फारुख ने ही सलीम और मुजीर को यूपी शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी की हत्या करने की सुपारी दी थी.

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के एक बड़े अधिकारी ने बताया कि यूपी में सिर्फ शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन ही इनके निशाने पर नहीं थे, बल्कि शिव सेना के एक लोकल लीडर की हत्या की साजिश रची गई थी. और इन हत्याओं का मकसद यूपी में दंगे करवाना था. जिससे मौजूदा सरकार पर कानून व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े हों.

दुबई में रची गई नापाक साजिश

जांच एजेंसी से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि मार्च में ही रॉ को इनपुट मिला था कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई डी गैंग के दुबई में बैठे 2 गुर्गों और एक पाकिस्तानी की मदद से भारत में सक्रिय स्थानीय अपराधियों को हायर कर रही है. वे किसी बड़ी आतंकी वारदात को अंजाम देने की फिराक में हैं. इंडियन एजेंसी ने इनपुट को डेवलप किया तो पता चला कि दुबई में बैठे डी गैंग के गुर्गे फारुख डेवड़ीवाला, सईद उर्फ सैम और एक पाकिस्तानी नागरिक खैय्याम को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने हिंदुस्तान को दहलाने का जिम्मा दिया है.

इंडियन एजेंसी ने दुबई पुलिस को इन तीनों की ख़बर दी. जिसके बाद फारुख, सैम और पाक नागरिक खैय्याम को दुबई में गिरफ्तार कर लिया गया. दुबई में तीनों ने यूपी के शिया बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी समेत लोकल शिव सेना के लीडर को टारगेट कर दंगे भड़काने की साजिश का खुलासा किया. साथ ही भारत में मौजूद और काम को अंजाम देने वाले सहयोगियों के नाम का खुलासा भी किया.

रॉ ने इस इनपुट को तुरंत दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल से शेयर किया. जिसके बाद 12 मार्च को सलीम, आरिफ और अबरार को स्पेशल सेल ने गिरफ्तार किया. एक शख्स को हरियाणा से पकड़ा गया, जो इनको हथियारों की सप्लाई करने वाला था. इसके बाद 26 अप्रैल को मुजीर को नासिक से गिरफ्तार किया गया.

एनआईए ने भी पंजाब में लगातार आरएसएस के नोताओं की हत्या के मामले में जो चार्जशीट दायर की है, उसमें बताया गया है कि ISI कैसे लोकल क्रिमिनल्स को हायर करके इस तरह की वारदातों को अंजाम तक पहुंचा रही है.

अंडरवर्ल्ड और आतंकी संगठन के कई मॉड्यूल का पर्दाफाश करने वाले दिल्ली पुलिस के रिटायर्ड पुलिस अफसर अशोक चांद ने आजतक से बात करते हुए बताया कि आईएसआई ने इससे पहले साल 2001 में बाजपई सरकार के दौरान डी कंपनी के जरिए स्थानीय अपराधियों को हायर कर पत्रकार अनिरुद्ध बहल और तरुण तेजपाल की हत्या की साजिश रची थी. तब अशोक चांद और उनकी टीम ने ही इस केस पर वर्कआउट किया था.

दरअसल दोनों पत्रकारों ने उन दिनों बीजेपी के अध्यक्ष बंगारु लक्ष्मण समेत कई नेताओं का स्टिंग ऑपरेशन कर सनसनी फैली दी थी. चांद के मुताबिक आईएसआई एक साजिश के तहत दोनों पत्रकारों की हत्या करवाकर वाजपेयी सरकार को बदनाम करना चाहती थी.

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